नई दिल्ली
बॉलीवुड के वरिष्ठ अभिनेता परेश रावल एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। उनकी आने वाली फिल्म 'द ताज स्टोरी' के ट्रेलर में वह ताजमहल का ‘डीएनए टेस्ट’ कराने की बात करते नजर आ रहे हैं। इस डायलॉग ने एक बार फिर मुगल वास्तुकला और ताजमहल के इतिहास को बहस के केंद्र में ला दिया है।
गौरतलब है कि ताजमहल को लेकर लंबे समय से विवाद चलता आ रहा है। हिंदुत्व विचारधारा से जुड़े कुछ लोग दावा करते हैं कि ताजमहल असल में एक प्राचीन हिंदू मंदिर ‘तेजो महालय’ था, जिसे मुगल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में एक मकबरे में बदलवा दिया। हालांकि, इतिहासकार ताजमहल को मुगल वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण और प्रेम का प्रतीक मानते हैं।
फिल्म का मोशन पोस्टर कुछ दिन पहले ही जारी हुआ था, जिसमें ताजमहल के गुंबद के नीचे से भगवान शिव की मूर्ति निकलती दिख रही है। इस दृश्य को लेकर भी सोशल मीडिया पर काफी विवाद हुआ और कई लोगों ने इसे हिंदुत्व एजेंडा फैलाने की कोशिश बताया।
अब ट्रेलर में परेश रावल का किरदार, जो एक टूर गाइड विष्णु दास है, अदालत में जाकर ताजमहल का ‘डीएनए टेस्ट’ कराने की मांग करता है। उनका यह डायलॉग खासा चर्चित हो गया है और सोशल मीडिया पर इसे लेकर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है।
फिल्म का निर्देशन अमरीश गोयल ने किया है। इसमें परेश रावल के साथ अभिनेता ज़ाकिर हुसैन एक वकील की भूमिका में नजर आएंगे। साथ ही अमृता खानविलकर, स्नेहा वाघ और नमित दास भी अहम भूमिकाओं में हैं।
'द ताज स्टोरी' 31 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही है। ट्रेलर आने के बाद से ही फिल्म को लेकर माहौल गर्म हो गया है — कुछ लोग इसे ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ बता रहे हैं, तो कुछ इसे सच्चाई सामने लाने की कोशिश मान रहे हैं।
अब देखना यह है कि फिल्म रिलीज़ के बाद यह बहस और कितनी तेज़ होती है।