शाहताज खान / पुणे
कई दशक से जो कलाकार किसी फिल्म में नजर नहीं आए और जब इस दुनिया से गए, तो उन्हें अलविदा कहने वाली हर आंख नम थी. वो दिलिप कुमार थे, तो यूसुफ खान भी. छह दशकों तक बॉलीवुड में अपने अभिनय का जादू बिखेरने वाले दिलीप कुमार ने 63 फिल्मों में अभिनय किया. वो दादा के पसंदीदा ऐक्टर थे, तो पोता भी उनके अभिनय को सलाम करता है.
पुणे के मुहम्मद इकबाल के लिए यह केवल एक गीत भर नहीं है. उनके दादा फिर उनके पिता और अब वह स्वयं दिलीप कुमार हेयर स्टाइल से रोजी रोटी कमा रहे हैं.
इकबाल कहते हैं कि उनके दादा के समय में तो 80 प्रतिशत लोगों का बालों का स्टाइल दिलीप कुमार जैसा ही होता था, लेकिन आज भी कुछ ऐसे ग्राहक उनके पास हैं, जो दिलीप स्टाइल ही कराते हैं.
72 वर्ष के विट्ठल भाई ने अपने बालों को कभी कोई दूसरा अंदाज दिया ही नहीं. सुबह जब दिलिप कुमार की मौत की खबर उन्हें मिली, तो वह रो रहे थे. उनका दिल बहलाने के लिए उनका पोता इकबाल भाई की दुकान पर ले आया, ताकि वो कुछ अच्छा अनुभव करें.
इकबाल भाई ने विट्ठल जी का हेयर कट किया और दिलीप कुमार की बातें भी करते रहे. और साथ ही माथे पर लट के गिराने की कोशिश भी जारी रही.
इकबाल साहब की छोटी सी नाई की दुकान पर कल से कई लोग केवल दिलीप कुमार स्टाइल में ही बाल सेट करा रहे हैं.
वो कहते हैं कि 50-55 की आयु के लोग जिनके सिर पर बाल भी कम हो गए हैं, फिर भी बाल वही दिलिप साहब वाले चाहते हैं. आज के नौजवान तो उस तरह के बाल नहीं कटाते, लेकिन मेरी दुकान में लगी फोटो देखकर जब वह दिलीप कुमार साहब को पहचान लेते हैं, तो मेरा दिल खुश हो जाता है. मैं अपने दादा जी और पिता जी की तरह ही दिलीप साहब का फैन हूं.
ए-वन हेयर ड्रेसर्स में इकबाल भाई कैंची और कंघी के जरिए जब दिलिप कुमार साहब के चाहने वालों के माथे पर खास लट गिराने में कामयाब हो जाते हैं, तो खूब दाद वसूल करते हैं.