आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
अभिनेत्री शिल्पा शिरोडकर, जिन्होंने रमेश सिप्पी की फिल्म भ्रष्टाचार से मिथुन चक्रवर्ती के साथ बॉलीवुड में डेब्यू किया था, हम, खुदा गवाह, आंखें जैसी हिट फिल्मों में नजर आईं। अपने करियर के चरम पर होने के बावजूद उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया और अपने पति अपरेश रंजीत के साथ न्यूजीलैंड में एक शांत जिंदगी को चुना। हाल ही में एक इंटरव्यू में शिल्पा ने अपनी इस बड़ी जीवन-परिवर्तनकारी फैसले पर बात की और बताया कि उन्हें अपने किसी भी फैसले का कोई पछतावा नहीं है।
शिल्पा ने कहा, "मुझे फिल्मों से ब्रेक लेने का कोई अफसोस नहीं है। हां, मुझे व्यस्त रहना मिस जरूर होता है, लेकिन मैंने एक बहुत अच्छे, सरल और प्यारे इंसान से शादी की, और मेरे लिए वही जरूरी था — एक नई जिंदगी की शुरुआत करना। दुर्भाग्य से, मुझे भारत छोड़ना पड़ा और इसी वजह से काम जारी रखना मुश्किल हो गया। अगर मेरी शादी भारत में हुई होती, तो मैं सौ फीसदी फिल्मों में काम करती रहती।"
उन्होंने आगे बताया कि शुरू में उन्होंने कभी मुंबई, यहां तक कि देश छोड़ने की भी नहीं सोची थी, लेकिन जब उन्होंने अपने अब के पति से मुलाकात की, तो सबकुछ बदल गया। "यह एक आसान फैसला था क्योंकि यह मेरा अपना निर्णय था। जब चीजें आपकी पसंद से होती हैं, तो वे आसान हो जाती हैं। मैं अपने माता-पिता के बहुत करीब थी, इसलिए मुंबई छोड़ने का ख्याल कभी नहीं आया था।
लेकिन जब मेरी मुलाकात अपरेश से हुई, तब सिर्फ डेढ़ दिन में मैंने 'हां' कह दिया, ये जानते हुए कि वो भारत में नहीं रहने वाले, बल्कि विदेश में पढ़ाई के लिए जा रहे हैं। तो इसका मतलब यह था कि मुझे भी भारत छोड़ना होगा। लेकिन उनकी ईमानदारी ने मुझे इतना प्रभावित किया कि मैंने कुछ सोचा ही नहीं, सबकुछ अपने आप होता गया।"
शिल्पा ने यह भी स्वीकार किया कि उनके और उनके पति के बीच शिक्षा को लेकर काफी फर्क था, फिर भी उन्होंने कभी खुद को छोटा नहीं महसूस किया। उन्होंने कहा, "मैं 10वीं फेल हूं। मेरे पति एक बैंकर हैं।
वे डबल MBA हैं, पढ़े-लिखे और मुझसे बहुत अलग हैं। लेकिन मैं उनके और उनके सहकर्मियों से हर विषय पर बात कर सकती हूं। उनके साथ जो जिंदगी मैंने देखी है, उसमें मुझे कभी भी खुद को कमतर महसूस नहीं हुआ।"
जब उनसे पूछा गया कि क्या शादी के बाद उन्हें फिल्मों के ऑफर मिले, तो शिल्पा ने कहा, "उस समय ऐसा माहौल नहीं था कि शादीशुदा महिलाओं को फिल्मों में रोल मिलते।
मुझे नहीं लगता कि किसी ने मुझसे संपर्क किया, और मैं इतनी बड़ी स्टार भी नहीं थी कि लोग मुझे वापस लाना चाहते। लोगों ने भी सोच लिया कि गई तो गई, और भी बहुत सी अभिनेत्रियां हैं।"
उन्होंने यह भी बताया कि विदेश में दोस्तों के बिना जिंदगी बिताना, सीमित बजट में रहना और नए हालात को अपनाना, इन सभी अनुभवों ने उन्हें एक बेहतर इंसान बना दिया।