शाहरुख़ की जगह संजय दत्त क्यों बने ‘मुन्ना भाई’? जानिए दिलचस्प कहानी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 25-07-2025
Why did Sanjay Dutt become 'Munnabhai' instead of Shahrukh? Know the interesting story
Why did Sanjay Dutt become 'Munnabhai' instead of Shahrukh? Know the interesting story

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली

2003 में रिलीज़ हुई ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ आज भी दर्शकों के दिलों में ताज़ा है. संजय दत्त के दमदार अभिनय ने इस किरदार को अमर बना दिया. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इस आइकॉनिक रोल के लिए निर्माता-निर्देशक की पहली पसंद शाहरुख़ ख़ान थे.

स्क्रिप्ट पसंद आई, लेकिन शरीर ने साथ नहीं दिया

 मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, निर्देशक राजकुमार हिरानी ने जब इस फिल्म का प्रस्ताव शाहरुख़ खान को दिया, तो उन्होंने स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद तुरंत हामी भर दी थी. फिल्म की तैयारियां भी शाहरुख़ को ध्यान में रखकर शुरू हो चुकी थीं. लेकिन उसी दौरान शाहरुख़ को पीठ में गंभीर चोट लग गई.

डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें लंबे समय तक आराम करने की ज़रूरत थी. साथ ही, उस समय शाहरुख़ कई बड़े प्रोजेक्ट्स में पहले से व्यस्त थे। ऐसे में उन्हें मजबूरी में ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ छोड़नी पड़ी.

जब संजय दत्त ने मोर्चा संभाला

शाहरुख़ के हटने के बाद निर्देशक की नज़रें संजय दत्त पर गईं. यह फैसला फिल्म के लिए निर्णायक साबित हुआ. अभिनेता मकरंद देशपांडे ने इस बारे में बात करते हुए सिद्धार्थ कन्नन को दिए एक इंटरव्यू में कहा,“शुरुआत में जब स्क्रिप्ट पढ़ी गई थी, तो शाहरुख़ को ‘मुन्ना’ के रूप में देखा गया था. लेकिन जब उन्होंने फिल्म छोड़ दी और संजय आए, तो फिल्म की पूरी आत्मा बदल गई.”

शाहरुख़ की चमक या संजय की ज़मीन?

मकरंद देशपांडे के अनुसार,“अगर शाहरुख़ होते, तो फिल्म थोड़ा ग्लैमरस हो जाती. लेकिन संजय दत्त ने इसे पूरी तरह देसी टच दिया. उनके अभिनय में ज़मीन से जुड़ा अपनापन था, जो ‘जादू की झप्पी’ जैसे भावुक पलों में पूरी तरह निखर कर सामने आया.”

उन्होंने कहा कि संजय दत्त ने जिस सादगी और सच्चाई से मुन्ना का किरदार निभाया, वह शाहरुख़ के स्टाइलिश अंदाज़ से बिल्कुल अलग था. यही कारण है कि यह फिल्म न केवल बॉक्स ऑफिस पर हिट हुई, बल्कि भारतीय सिनेमा की सांस्कृतिक धरोहर बन गई.

शाहरुख़ ख़ान की जगह संजय दत्त का आना महज़ एक बदलाव नहीं, बल्कि एक वरदान साबित हुआ. 'मुन्ना भाई एमबीबीएस' आज जो है, वह संजय दत्त की वजह से है—और शायद, यह किरदार उनके बिना इतना यादगार कभी न बन पाता.