नायिका, खलनायिका और अब 'मां' — हर किरदार में सहज हैं काजोल

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 24-06-2025
Heroine, villain and now a mother - Kajol is comfortable in every role
Heroine, villain and now a mother - Kajol is comfortable in every role

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली

34 सालों से अभिनय की दुनिया में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखने वाली काजोल अब एक नए अवतार में पर्दे पर वापसी कर रही हैं. उनकी नई फिल्म ‘मां’ में वे एक ऐसी मां का किरदार निभा रही हैं, जो अपनी बेटी की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है — यहां तक कि एक भयंकर ताकत से भी मुकाबला करती हैं.

पहली बार हॉरर और एक्शन जॉनर में कदम रखने वाली काजोल ने इस फिल्म के जरिए खुद को एक कलाकार के रूप में नई चुनौती दी है. इस खास बातचीत में काजोल ने ‘मां’ के अनुभव से लेकर अपने 34 साल लंबे फिल्मी सफर, बदलते सिनेमाई दौर, स्टार किड्स की ट्रोलिंग, सोशल मीडिया के प्रभाव और अपनी मां तनुजा से मिली सीखों पर खुलकर बात की। आइए जानते हैं, काजोल ने क्या कहा:

हॉरर जॉनर में कदम रखते हुए क्या नया महसूस किया?

"बहुत मज़ेदार रहा। एक्टिंग की दृष्टि से बहुत अलग तो नहीं था, लेकिन जॉनर, माहौल और कहानी का राक्षस जो मां से लड़ता है, वो बहुत अलग था. मेरे लिए सबसे बड़ा चैलेंज एक्शन था। पहली बार इतना एक्शन किया इसलिए यह शारीरिक रूप से काफी चुनौतीपूर्ण था. इसके अलावा वीएफएक्स में शूट करना भी अलग होता है, जो थोड़ा मुश्किल और भ्रमित करने वाला होता है."

मां होने के नाते इस भूमिका में अपनी आंतरिक ताकत को कैसे महसूस किया?

"मां बनने के साथ अंदरूनी ताकत आती है, जो सारी चुनौतियां संभाल लेती है. मां बनने पर इतना तनाव होता है कि आप ठीक से सो भी नहीं पातीं, फिर भी सब कुछ संभालना पड़ता है. मदरहुड के लिए कोई किताब नहीं होती, पर आपकी मां ने कुछ नुस्खे दिए होते हैं. फिर भी हर मां अपनी बच्ची की हर जरूरत पूरी करती है। जब बच्चे की सुरक्षा की बात आती है, तो मां कुछ भी कर सकती है."

फिल्म 'गुप्त' में खलनायिका की भूमिका निभाकर आपने एक साहसिक कदम उठाया था. आज के दौर में ऐसे रिस्की रोल चुनना कितना संभव है?

"वो मेरी अलग पसंद थी। शायद पहले लोग सोचते थे कि हीरोइन के बजाय खलनायिका करना सही नहीं होगा. मैं हर तरह के रोल में सहज थी और मेरी राय मेरे लिए सबसे मायने रखती थी. मेरी मां ने सिखाया कि अगर आप खुद पर हँस सकते हैं तो किसी और की हँसी से फर्क नहीं पड़ता. मुझे भरोसा था कि मैं अच्छा काम करूंगी."

34 सालों बाद भी एक्टिंग के प्रति आपका जुनून कैसे बरकरार है?

"मुझे अभी भी कैमरे और सेट से उतनी ही मोहब्बत है जितनी शुरुआत में थी. जब मेरी पहली फिल्म की शूटिंग शुरू हुई थी, मेरे पिताजी ने कहा था—‘एक बार मेकअप लग गया तो उतरेगा नहीं.’

तब मैंने आत्मविश्वास से कहा था, ‘अगर मन नहीं होगा तो छोड़ दूंगी.’ पर आज भी मैं कैमरे के सामने खड़ी हूं. मैं मानती हूं कि कलाकार को खुद को लगातार नया बनाते रहना चाहिए. अगर आप खुद को चौंकाएंगे नहीं तो दर्शकों को कैसे चौंकाएंगे? इसलिए मैंने अलग-अलग किरदार और जॉनर चुने जो रचनात्मक चुनौती देते हैं."

मौजूदा दौर की अभिनेत्री होने के क्या फायदे हैं?

"आज अगर आप फेल भी हो जाते हैं तो करियर खत्म नहीं होता. अभिनय के अलावा भी आप कई चीजें कर सकते हैं। पहले एक्टर बनना मतलब बस उसी में रहना, और असफलता का डर हमेशा साथ रहता था. अब ऐसा नहीं है."

क्या आज की कहानियों में हीरो की पारंपरिक भूमिका उतनी जरूरी नहीं रह गई?

"नहीं, कहानी अच्छी होनी चाहिए. चाहे कोई भी किरदार हो, कहानी के बिना फिल्म कुछ नहीं."

आपकी मां तनुजा से कोई ऐसी खास बात जो आप अपने अंदर लाना चाहती थीं?

"मेरी मां नौ-दस भाषाएं बोल सकती हैं, काश मेरे अंदर भी ये खूबियां होतीं. शायद मैं आज और बेहतर कलाकार होती। उनकी ह्यूमर सेंस कमाल की है। वो दूसरों की बातों से प्रभावित नहीं होतीं, मैं भी अब उसी राह पर हूं."

आपकी बेटी न्यासा अपने करियर को लेकर काफी स्पष्ट है. क्या आपको भी ऐसा आत्मविश्वास बचपन में था?

"हां, मैं बहुत आत्मविश्वासी थी। इंटरनेट नहीं था, इसलिए मेरा व्यक्तित्व आसानी से सामने नहीं आता था. मैं पढ़ाकू और बुद्धिमान लड़की थी। जब आप अपनी बुद्धिमत्ता छिपाते नहीं हैं तो उसकी चमक दिखती है। मैंने कोशिश की कि न्यासा को भी इतना आत्मविश्वास दूं."

पैपराजी की नजर और सोशल मीडिया के इस दौर में आप कैसे निपटती हैं?

"पैपराजी का काम है हमारे पीछे चलना. मैं इससे उलझती जरूर हूं, शायद ये मेरे चेहरे पर भी दिखता है, पर मैं ज्यादा ध्यान नहीं देती. मेरी जिंदगी में बहुत काम हैं करने के लिए."

स्टार किड्स को ट्रोलिंग से कैसे बचाती हैं?

"हम बच्चों को पूरी तरह से प्रोटेक्ट नहीं कर सकते, लेकिन समझा सकते हैं कि ये सब उनकी गलती नहीं है. ये सिर्फ एक हिस्सा है जो गुजर जाएगा। अपनी पहचान या फैसलों को इन बातों से प्रभावित नहीं होने देना चाहिए."

 

काजोल की फिल्म ‘मां’ 27 जून 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी. इस फिल्म के निर्देशक विशाल फुरिया हैं और निर्माता अजय देवगन एवं ज्योति देशपांडे हैं. फिल्म में रोनित रॉय, इंद्रनील सेनगुप्ता और खेरिन शर्मा भी हैं.