नई दिल्ली
पाकिस्तान के मशहूर गायक आतिफ असलम हाल ही में अपने पिता के निधन के बाद आयोजित एक संगीत कार्यक्रम को लेकर विवादों में घिर गए थे। सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने उनके फैसले पर सवाल उठाए और उन्हें कठोर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
काफी समय तक चुप्पी साधे रहने के बाद आखिरकार आतिफ असलम ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी। कनाडा में दिए गए एक ताज़ा साक्षात्कार में उन्होंने स्पष्ट किया कि वे इस मामले को लेकर कैसा महसूस करते हैं।
आतिफ ने कहा, “जब लोग मेरे बारे में बातें करते हैं तो मैं विद्रोही हो जाता हूँ। हाल ही में, मेरे पिता के निधन के बाद प्रदर्शन करने के लिए लोगों ने मेरी आलोचना की। कुछ कह रहे थे कि ‘ओह! उनके साथ इतना बड़ा हादसा हुआ, फिर भी अगले दिन स्टेज पर कैसे चले गए।’”
उन्होंने आगे कहा कि लोग अपनी-अपनी राय बनाने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन हर किसी को जवाब देना उनका काम नहीं है। “मैं समझता हूँ कि लोग अपने चैनल और प्लेटफॉर्म पर चर्चा के लिए बातें लिखते हैं। लेकिन यह बताना या समझाना मेरा काम नहीं है कि मुझे कॉन्सर्ट करना चाहिए था या नहीं। मैं पूरी दुनिया को संतुष्ट नहीं कर सकता,” आतिफ ने कहा।
उन्होंने अपने प्रशंसकों को संदेश देते हुए कहा, “आप मेरी कला से प्यार कर सकते हैं या मेरे गानों से नफरत कर सकते हैं, लेकिन मुझसे यह उम्मीद न करें कि मैं खुद को हर बार सफाई देकर साबित करूँ। मेरी ज़िम्मेदारी अपनी संगीत यात्रा को आगे बढ़ाना है, न कि आलोचकों को जवाब देना।”
गौरतलब है कि आतिफ असलम दक्षिण एशिया के सबसे लोकप्रिय गायकों में शुमार किए जाते हैं। उनकी मधुर आवाज़ और भावपूर्ण गीतों ने उन्हें एक अलग पहचान दिलाई है। ‘आदत’, ‘कुछ इस तरहा’, ‘बा खुदा’ और ‘दिल दियां गलां’ जैसे सुपरहिट गानों ने उन्हें भारतीय उपमहाद्वीप से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों तक अपार लोकप्रियता दिलाई है।
आतिफ के इस बयान ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे आलोचनाओं से घबराने वाले कलाकार नहीं हैं। उनके लिए संगीत ही सबसे बड़ा माध्यम है, और वही उनके जीवन का असली जुनून है।