नई दिल्ली।
बॉलीवुड के दो बड़े सितारे अक्षय कुमार और ऋतिक रोशन हाल ही में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के दुरुपयोग का शिकार बने हैं। इन दोनों अभिनेताओं ने बिना उनकी अनुमति के उनकी तस्वीरों, चेहरों और आवाज़ों के व्यावसायिक उपयोग के खिलाफ सख़्त आपत्ति जताते हुए अदालत का रुख किया है। इन मामलों ने मनोरंजन जगत में एआई के अनियंत्रित इस्तेमाल को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है।
ऋतिक रोशन ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर निजता के अधिकार की रक्षा की मांग की है। उनका आरोप है कि सोशल मीडिया और वेबसाइटों पर उनके नाम, चेहरे और आवाज़ का व्यावसायिक इस्तेमाल हो रहा है—बिना उनकी जानकारी और सहमति के। ऋतिक ने इसे उनकी निजता, पहचान और गरिमा का
गंभीर उल्लंघन बताया है।
मामले की सुनवाई बुधवार को होनी है और इसमें डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और एआई टूल्स के ज़रिए हो रहे गैरकानूनी प्रयोगों की जांच की माँग की गई है।
वहीं, सुपरस्टार अक्षय कुमार ने भी इसी तरह की शिकायत के तहत मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। उनका कहना है कि उनकी आवाज़ और छवि को तोड़-मरोड़ कर एआई के माध्यम से इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक छवि को नुकसान पहुँच रहा है।
उन्होंने अदालत से अनुरोध किया है कि ऐसे फर्जी डिजिटल कंटेंट को तुरंत रोका जाए और इसमें शामिल प्लेटफॉर्म्स व व्यक्तियों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई हो।
एआई तकनीक ने जहाँ दुनिया को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है, वहीं इसके दुरुपयोग की घटनाएँ भी तेजी से सामने आ रही हैं। फर्जी वीडियो, आवाज़ और चेहरों के ज़रिए बनाई जा रही डिजिटल सामग्री न सिर्फ भ्रामक होती है, बल्कि इससे व्यक्तियों की पहचान और छवि पर सीधा हमला होता है।
ऋतिक और अक्षय ही नहीं, हाल के दिनों में कई अन्य बॉलीवुड हस्तियों ने भी अपने निजी अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी कदम उठाए हैं। इनमें अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय, अभिषेक बच्चन, करण जौहर और ऋषभ शेट्टी जैसे नाम शामिल हैं।
इन सभी सितारों की चिंता एक जैसी है—उनकी पहचान का अनाधिकृत व्यावसायिक इस्तेमाल और सोशल मीडिया पर उनका फर्जी प्रतिनिधित्व।
भारत में अभी AI-generated content को रेगुलेट करने के लिए कोई स्पष्ट कानून नहीं है। हालांकि, "राइट टू पब्लिसिटी" यानी अपनी पहचान और छवि पर नियंत्रण का अधिकार, भारतीय संविधान के तहत निजता के मौलिक अधिकार से जुड़ा हुआ है। लेकिन, बदलते डिजिटल युग में इन अधिकारों की सुरक्षा एक चुनौती बन चुकी है।
ऋतिक रोशन और अक्षय कुमार के कदम ने एआई के अंधाधुंध प्रयोग को लेकर एक ज़रूरी चेतावनी दी है। आने वाले समय में मनोरंजन, राजनीति और मीडिया से जुड़े हर व्यक्ति के लिए यह मुद्दा और गंभीर हो सकता है। अब ज़रूरत है कि सरकार और न्यायालय एआई तकनीक के दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश और कड़े कानून बनाए।