जामिया में पोस्टर और नारों से समझाया गया रैगिंग किया तो क्या होगा परिणाम

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 19-08-2023
JMI observes Anti-Ragging Week
JMI observes Anti-Ragging Week

 

आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली

दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया में एंटी रैगिंग सप्ताह मनाया गया. इस दौरान छात्रों को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से यह समझाने की कोशिश की गई कि रैगिंग में संलिप्त पाए जाने पर सुप्रिम कोर्ट और यूजीसी के नियम-कानून के अनुसार क्या-क्या परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.

एंटी रैगिंग सप्ताह के दौरान इंडिया अरब कल्चर सेंटर की ओर से एम.ए. छात्रों के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें उन्हें रैगिंग विरोधी पोस्टर बनाने के लिए कहा गया. तमाम पोस्टर केंद्र के पुस्तकालय परिसर में प्रदर्शित किए गए. इसके अलावा इंटरैक्टिव कार्यक्रम भी आयोजित किया गया. इसका उद्देश्य एंटी-रैगिंग सप्ताह को बढ़ावा देने के लिए छात्रों और संकाय सदस्यों में तालमेल स्थापित करना था.
 
jamia
 
इस दौरान छात्रों को रैगिंग के खतरे के बारे में जागरूकता किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत केंद्र के निदेशक प्रो. नासिर रजा खान के स्वागत भाषण से हुई. उन्होंने सभी छात्रों के लिए सुरक्षित और सहायक वातावरण बनाने के महत्व पर जोर दिया और रैगिंग को रोकने की आवश्यकता पर बल दिया.
 
प्रोफेसर खान ने सभी छात्रों को अपने सीनियर्स के साथ मैत्रीपूर्ण और जानकारीपूर्ण बातचीत करने, केंद्र और उसके कामकाज के बारे में अधिक जानने और सीनियर्स और नए छात्रों के बीच मतभेद दूर करने में मदद करने के लिए प्रोत्साहित किया.
 
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उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय अपने सभी छात्रों को रैगिंग रोकने के लिए सहायक वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. विश्वविद्यालय के पास परिसर में मजबूत रैगिंग विरोधी नीति है, जो सभी प्रकार की रैगिंग पर रोक लगाती है. इसमें पकड़े जाने पर सख्त सजा का प्रावधान है. कार्यक्रम का समापन छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय की रैगिंग विरोधी नीति को कायम रखने की शपथ के साथ हुआ.
 
इसके अलावा पर्यटन और आतिथ्य प्रबंधन विभाग (डीटीएचएम) के प्रबंधन अध्ययन संकाय में भी एंटी-रैगिंग दिवस मनाया गया. रैगिंग रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट और यूजीसी द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, रैगिंग से संबंधित दंडों के बारे में छात्रों को बताया गया.
 
इसके तहत जामिया ने रैगिंग के खिलाफ शपथ लेना, पोस्टर प्रतियोगिता, नारा लेखन प्रतियोगिता और नुक्कड़ नाटक जैसी कई गतिविधियों का आयोजन किया. विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर सारा हुसैन ने प्रारंभिक भाषण में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्हें किसी भी गलत काम में शामिल न होने और नए प्रवेशित छात्रों के प्रति सत्कार करने के लिए प्रेरित किया.
 
जामिया के समाज कार्य विभाग ने भी एंटी-रैगिंग दिवस मनाने के लिए पोस्टर-मेकिंग और नारा लेखन कार्यक्रम आयोजित किए. छात्रों ने सार्थक नारे बनाए और आकर्षक रैगिंग विरोधी पोस्टर तैयार किए. छात्रों का यह प्रयास सुरक्षित और संरक्षित वातावरण बनाने के प्रति उनके उत्साह का प्रतीक है, जहां ज्ञान को स्वतंत्रता और गरिमा के साथ अपनाया जाता है.
 
छात्रों को पोस्टर बनाने और नारे लिखने के लिए दो घंटे का समय दिया गया. प्रतियोगिता का मुख्य आकर्षण विभागाध्यक्ष प्रो. नीलम सुखरामनी का ज्ञानवर्धक संदेश था.उन्होंने याद दिलाया कि सहपाठी प्रतिस्पर्धी नहीं, समर्थन का स्रोत है.
 
उन्होंने हमसे एक-दूसरे की प्रतिभाओं, विचारों, सोच और रचनात्मकता को अपनाने और उसकी सराहना करने का आग्रह किया. कार्यक्रम के अंत में उन्होंने घोषणा की कि सभी पोस्टर विभाग के नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित किए जाएंगे.