आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली /न्यूयॉर्क/वाशिंगटन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के दो "बहुत ही समझदार" नेताओं ने स्वयं निर्णय लिया कि वे युद्ध को आगे नहीं बढ़ाएंगे, जो परमाणु संघर्ष में तब्दील हो सकता था. यह पहली बार है जब ट्रंप ने भारत-पाक तनाव खत्म कराने का श्रेय खुद को नहीं दिया.
व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के साथ लंच के बाद ओवल ऑफिस में मीडिया से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा, “मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि मुनीर यहां आए। मैं उन्हें युद्ध में शामिल न होने और उसे समाप्त करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं.”
ट्रंप ने कहा कि वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कुछ सप्ताह पहले मिले थे और दोनों देशों के साथ व्यापार समझौते पर काम हो रहा है. उन्होंने कहा, “मैं बहुत खुश हूं कि दो समझदार लोग — और उनके स्टाफ भी — इस युद्ध को आगे न बढ़ाने का फैसला लिया। यह युद्ध परमाणु युद्ध में बदल सकता था. ये दोनों बड़े परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं.”
9 मई से अब तक ट्रंप कई बार कह चुके थे कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को उन्होंने शांत कराया, और दोनों देशों को संदेश दिया कि अगर वे युद्ध रोकते हैं तो अमेरिका उनके साथ “बहुत सारा व्यापार” करेगा. लेकिन इस बार उन्होंने पहली बार यह स्वीकार किया कि युद्ध रोकने का निर्णय भारत और पाकिस्तान ने खुद लिया.
ट्रंप ने कहा, “मैंने मोदी से बात की, वह शानदार व्यक्ति हैं। हम व्यापार समझौते पर आगे बढ़ रहे हैं. लेकिन इस बार उन्होंने (भारत और पाकिस्तान ने) खुद ही निर्णय लिया. मुझे नहीं लगता कि मीडिया में किसी ने इसे ठीक से कवर किया है..”
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कनाडा के कनानिस्किस से जारी वीडियो संदेश में स्पष्ट किया कि भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान अमेरिका से किसी भी तरह की मध्यस्थता की पेशकश स्वीकार नहीं की.
उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMOs) के बीच सीधा संवाद हुआ और इसी के तहत संघर्षविराम का निर्णय लिया गया, जो पाकिस्तान की पहल पर शुरू हुआ.
मिस्री ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट कर दिया कि भारत कभी भी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा और इस पर पूरे भारत में राजनीतिक सर्वसम्मति है.”
ट्रंप ने कहा कि जनरल मुनीर ने पाकिस्तान की ओर से युद्ध न बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने कहा, “वे इसे अच्छी तरह समझते हैं. वे ईरान और इज़राइल दोनों को जानते हैं। उन्होंने युद्ध से बचने में मदद की.”
ट्रंप ने आगे कहा कि उन्होंने ईरान को लेकर भी मुनीर से चर्चा की और उन्होंने अमेरिकी दृष्टिकोण से सहमति जताई।
G7 शिखर सम्मेलन के दौरान कनाडा प्रवास के अंतिम दिन, मोदी ने ट्रंप से 35 मिनट की फोन बातचीत की. ट्रंप ने उन्हें अमेरिका रुकने का निमंत्रण दिया, लेकिन मोदी ने बताया कि वह क्रोएशिया की अपनी निर्धारित यात्रा पर जा रहे हैं..
मिस्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप से कहा कि भारत अब आतंकवाद को केवल 'प्रॉक्सी युद्ध' नहीं बल्कि एक प्रत्यक्ष युद्ध के रूप में देखता है. उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब भी चल रहा है..
ट्रंप ने भी कहा कि उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी, के बाद मोदी से बात कर संवेदना व्यक्त की थी और आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख का समर्थन किया.
22 अप्रैल के आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए.
चार दिन तक चले इस ऑपरेशन के बाद, 10 मई को भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ स्तर पर युद्धविराम पर सहमति बनी. भारत के सूत्रों ने बार-बार स्पष्ट किया है कि इस पूरे निर्णय में कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं था.