नीट: मद्रास उच्च न्यायालय ने परीक्षा को लेकर आदेश के खिलाफ अपील खारिज की

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 03-07-2025
NEET: Madras High Court dismisses appeal against order regarding exam
NEET: Madras High Court dismisses appeal against order regarding exam

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

मद्रास उच्च न्यायालय ने नीट की पुनः परीक्षा से इनकार किये जाने संबंधी एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ चिकित्सा अभ्यर्थियों के एक समूह की अपील को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया और कहा कि ऐसा कोई भी कदम 20 लाख से अधिक विद्यार्थियों को बुरी तरह प्रभावित करेगा.
 
उच्च न्यायालय ने परीक्षा का परिणाम घोषित करने पर रोक लगाने के अनुरोध वाली याचिकाओं को छह जून को खारिज कर दिया था जिससे राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा परीक्षा परिणाम जारी करने का रास्ता साफ हो गया था.
 
एस साई प्रिया और 11 अन्य ने छह जून के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी.
 
इन याचिकाओं में प्रिया और अन्य विद्यार्थियों ने अनुरोध किया था कि चेन्नई के चार परीक्षा केंद्रों पर बिजली गुल होने के कारण जिन विद्यार्थियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, उनके लिए पुनः परीक्षा कराई जाए और तब तक परिणाम घोषित न किए जाएं.
 
न्यायमूर्ति जे निशा बानू और न्यायमूर्ति एम जोतिरमन की खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को अपील खारिज कर दी.
 
पीठ ने कहा, ‘‘इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि परीक्षा की शुचिता विशेष रूप से मानवीय पर्यवेक्षण के माध्यम से सुनिश्चित की जाती है जिसमें केंद्र अधीक्षक, निरीक्षक, एनटीए द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक और समन्वयक की मौजूदगी शामिल है। इन सभी अधिकारियों ने जांच की और पुष्टि की कि परीक्षा सुचारू रूप से आयोजित की गई थी.’’
 
इसने कहा कि एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति द्वारा सांख्यिकीय विश्लेषण किया गया था और इसने उक्त केंद्र पर अभ्यर्थियों द्वारा हल किए गए प्रश्नों की औसत संख्या से संबंधित गुमनाम आंकड़ों के आधार पर विश्लेषण किया था और तिरुवल्लूर जिले के अन्य केंद्रों के साथ तुलना जिले के उन सभी केंद्रों में सांख्यिकीय रूप से तुलनीय है, जहां परीक्षा सुचारू रूप से आयोजित की गई थी.
 
अदालत ने कहा, ‘‘इस विश्लेषण में हल किए गए प्रश्नों की संख्या में सांख्यिकीय रूप से कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं पाया गया, जिससे यह पुष्टि हुई कि कथित बिजली कटौती ने अभ्यर्थियों के प्रदर्शन को भौतिक रूप से प्रभावित नहीं किया। इसके अलावा, नीट (यूजी) 2025 बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय परीक्षा है.
 
अदालत ने कहा, ‘‘ऐसी परिस्थितियों में यदि पुनः परीक्षा की अनुमति दी जाती है तो इससे 20 लाख से अधिक अभ्यर्थी बुरी तरह प्रभावित होंगे। इसलिए, हमें आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता है. यह अपील खारिज की जाती है.