रामपुर के मुहम्मद अली जौहर प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान की लीज रद्द

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 1 Years ago
रामपुर के मुहम्मद अली जौहर प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान की लीज रद्द
रामपुर के मुहम्मद अली जौहर प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान की लीज रद्द

 

आवाज द वॉयस /लखनऊ

ढेरों मुकदमों का सामना करने, अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने और विधानसभा की सदस्यता रद्द होने के बाद भी आजम खान की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. अब योगी सरकार द्वारा रामपुर में मुहम्मद अली जौहर प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान को दी गई जमीन का पट्टा रद्द कर दिया गया है.
 
उत्तर प्रदेश में कैबिनेट की बैठक में सरकार ने रामपुर स्थित जौहर शोध संस्थान को लेकर बड़ा फैसला लिया है. अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की ओर से कैबिनेट में प्रस्ताव रखा गया था, जिस पर सरकार ने मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट को वापस ले लिया. जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे और आजम खान अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री थे, तो इसे एक सरकारी शोध संस्थान मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को 100 साल के लिए 100 रुपये के वार्षिक पट्टे पर दिया गया था.
 
दरअसल इस संस्था को मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट चला रहा है और समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान इस ट्रस्ट के आजीवन अध्यक्ष हैं.पिछले योगी आदित्यनाथ शासन के दौरान इस मामले पर एक एसआईटी गठित की गई, जिसने यह सही पाया कि अरबी और फारसी जैसी भाषाओं में शोध के लिए आजम खान के स्वामित्व वाले ट्रस्ट जौहर संस्थान को दिया गया था,
 
इसका उपयोग एक अंग्रेजी स्कूल चलाने के लिए किया जा रहा है. इसके आधार पर सरकार ने 13,000 वर्ग मीटर जमीन वापस ले ली, जिसमें करीब 4,300 वर्ग मीटर जमीन पर एक इमारत है.गौरतलब हो कि भड़काऊ भाषण मामले में आजम खान को 3 साल की सजा सुनाई गई है.
 
दरअसल, यह मामला साल 2019 का है. तब देश में लोकसभा चुनाव हो रहे थे. सपा नेता आजम खान उस समय चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए देश विधानसभा क्षेत्र रामपुर पहुंचे थे. सभाकक्ष में काफी भीड़ थी. आजम खान को सुनने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचे थे. आरोप है कि आजम खां ने इस चुनावी सभा में कथित तौर पर आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणी की थी. जिस पर विपक्षी दलों ने हंगामा भी किया.