नई दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया की डॉ. ज़ाकिर हुसैन लाइब्रेरी ने एल्सेवियर के सहयोग से विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संकाय सभागार में “स्कोपस इंडेक्स्ड जर्नल्स में प्रकाशन” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यशाला विशेष रूप से जामिया के संकाय सदस्यों और शोधार्थियों के लिए आयोजित की गई थी, जिसका उद्देश्य शोध प्रकाशन कौशल को बढ़ाना और उच्च-प्रभावी पत्रिकाओं में प्रकाशन की प्रक्रिया पर मार्गदर्शन प्रदान करना था।
इस अवसर पर कार्यशाला के लिए पंजीकृत 800 में से 500 से अधिक संकाय सदस्य और शोधार्थी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में माननीय कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ मुख्य संरक्षक और रजिस्ट्रार प्रो. महताब आलम रिज़वी संरक्षक के रूप में उपस्थित रहे।इसके अलावा प्रो. नीलोफर अफजल (डीन, छात्र कल्याण), प्रो. कफील अहमद (डीन, शोध एवं नवाचार), डॉ. विकास एस. नागराले (विश्वविद्यालय पुस्तकालयाध्यक्ष) तथा एल्सेवियर से आमंत्रित संसाधन विशेषज्ञ डॉ. विनीता सरोहा और श्री रवींद्र कुमार गुप्ता सहित अनेक गणमान्य लोग कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम का आरंभ कुरान की आयतों के पाठ और अनुवाद से हुआ, जिसके बाद भावपूर्ण जामिया तराना प्रस्तुत किया गया और अतिथियों का स्वागत किया गया।
रजिस्ट्रार प्रो. रिज़वी ने अपने संबोधन में उच्च गुणवत्ता वाले शोध और उसके प्रकाशन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने अनुक्रमण (indexing) की आवश्यकता, प्लेगियरिज़्म के गंभीर परिणाम तथा शैक्षणिक ईमानदारी और सत्यनिष्ठा को विद्वता की आधारशिला बताते हुए इन मूल्यों से समझौता न करने की अपील की। उन्होंने शोधकर्ताओं को आलोचनात्मक सोच विकसित करने की सलाह दी, जिससे शोध की गुणवत्ता और बौद्धिक क्षमता दोनों बढ़ती हैं।
पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. नागराले ने कुलपति एवं रजिस्ट्रार के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया और बताया कि यह कार्यशाला शोध संस्कृति को मजबूत करने और विद्यार्थियों व अध्यापकों की शैक्षणिक आकांक्षाओं को सहयोग देने की पुस्तकालय की पहलों का हिस्सा है।
इस अवसर पर डॉ. ज़ाकिर हुसैन लाइब्रेरी का आधिकारिक ब्रोशर जारी किया गया, जिसमें पुस्तकालय की सुविधाओं, सेवाओं, डिजिटल पहल और शोध सहायता कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी गई है।
एल्सेवियर की डॉ. विनीता सरोहा ने स्कोपस इंडेक्स्ड जर्नल्स में प्रकाशन हेतु सही जर्नल चुनने के तरीके, साहित्य सर्वेक्षण के सर्वोत्तम अभ्यास और उत्तरदायी जनरेटिव एआई के उपयोग पर विस्तार से जानकारी दी।
दूसरे तकनीकी सत्र में श्री रवींद्र कुमार गुप्ता ने रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और सामग्री विज्ञान विषयों में शोध हेतु एल्सेवियर के डिजिटल समाधानों और एआई आधारित दस्तावेज़ खोज रणनीतियों पर चर्चा की।
दोनों सत्रों के बाद प्रश्नोत्तर हुआ, जिसमें शोधार्थियों और संकाय सदस्यों ने प्रकाशन संबंधी चुनौतियों और अवसरों पर संवादात्मक चर्चा की।
प्रो. कफील अहमद (डीन, शोध एवं नवाचार) ने समापन संबोधन में पुस्तकालय की इस पहल की सराहना की और इसे शोध समुदाय के लिए समयानुकूल और उपयोगी बताया। उन्होंने भविष्य में ऐसे और कार्यक्रम आयोजित करने पर बल दिया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. उमैमा ने किया और अंत में डॉ. सूफियान अहमद ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।