आवाज द वाॅयस /लखनऊ
जीवन, समाज और देश के विकास के सपने बंद आंखों से नहीं, खुली आंखों से देखे जाते हैं. ये सपने रात में नहीं देखे जाते. दिन में बड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े सपने देखना जरूरी है.
पहले सपना देखें और फिर उन्हें उन्हें पूरा करने को ऐसा प्रयास करें कि सभी दंग रह जाएं. ये विचार हैं प्रोफेसर सैयद वसीम अख्तर के. वह इंटीग्रल इंटरनेशनल स्कूल द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे.
गौरतलब हो कि पिछले साल की तरह इस साल भी इंटीग्रल इंटरनेशनल स्कूल के हाई और इंटरमीडिएट का रिजल्ट शत-प्रतिशत रहा. इस सफलता और खुशी की अभिव्यक्ति को देखते हुए बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया.कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होने वाले जाने-माने शिक्षाविद व समाजसेवी अज्रा वसीम
ने बच्चों व उनके अभिभावकों को बधाई दी. साथ में सार्थक सीख भी दी तथा नैतिकता पर आधारित बेहतरीन सलाह भी . अज्रा वसीम ने माता-पिता और शिक्षकों का सम्मान करने का भी अग्राह किया.
अज्रा वसीम ने अपने अनोखे और बौद्धिक अंदाज में कहा कि सफलता हासिल करने के बाद अहंकारी नहीं होना चाहिए, बल्कि इंसान को और बेहतर करने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए. व्यक्तित्व विकास केवल शिक्षा से नहीं, प्रशिक्षण से भी होता है.
इस मौके पर इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के संस्थापक व चांसलर व मैडम चांसलर के अलावा यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर डॉ. सैयद नदीम अख्तर, सैयद फौजान अख्तर व प्रो. हरीस सिद्दीकी ने सफल विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र व मेडल देकर सम्मानित किया.
प्रधानाचार्य राशिद खान ने कहा कि हालांकि हमारे स्कूल का परिणाम शत प्रतिशत रहा है, लेकिन अभी हम इससे संतुष्ट नहीं हैं. जिला और राज्य स्तर पर विशिष्ट पहचान और प्राथमिकता मिलने से ही हमें थोड़ी शांति और संतोष मिलेगा.