संदेश तिवारी / कानपुर
कानपुर के अरमापुर स्टेट की रामलीला की शिक्षा और संस्कृति खास तौर पर सुर्खियां बटोरती है. वजह है कि यहां हिंदू-मुस्लिम एकता और भाईचारे की रामलीला है. यहां की रामलीला में राजा दशरथ या कहें कि राम के पिता का किरदार मोहम्मद रियाज निभाते है.
रियाज का कहना है कि “हमारी रामायण दुनिया भर में मशहूर है. हम चाहते हैं कि इसका मंचन करने वाले मुस्लिम कलाकार कानपुर के अलावा के अलग-अलग शहरों में अपनी कला का प्रदर्शन करें. हम तो कानपुर में नियमित रूप से रामायण पर्व का आयोजन भी करना चाहेंगे.”
रियाज मोहम्मद का कहना है कि “हम यह भी चाहते हैं देश के मुस्लिम कलाकार यहां आएं और रामायण का मंचन करें. यह सुंदर रूप होगा. ऐसे मंचन से और कला के आदान-प्रदान से उनके रिश्ते और भी मजबूत होंगे. बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता के इस दौर में इसके मायने सांस्कृतिक आदान-प्रदान से आगे जाते हैं. हमारे जीवन में रामायण की गहरी छाप है.
रियाज के मुताबिक किसी ने उससे पूछा कि एक मुस्लिम होकर रामायण पढ़ते हैं और रामलीला में मंचन करते है, इस पर मैंने उत्तर दिया, “मैं और अच्छा मनुष्य बनने के लिए रामायण पढ़ता हूं. दरअसल रामकथा सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न हिस्सा है. बहुत से लोग हैं, जिन्हें यह देखकर हैरानी होती है, लेकिन सच यही है कि रामायण के साथ जुड़ी अपनी इस सांस्कृतिक पहचान के साथ मैं बहुत ही सहज हूं.”
मोहम्मद रियाज अकेले नहीं है. उनके साथ कई लोग हिंदु-मुस्लिम भाईचारे साथ और अपने हुनर से बीते कई सालों से लोगों का मनमोह रहे है. इसमें समीर खान और इरफान खान भी शामिल है.
राम और रहीम भी
बीते 30साल से कानपुर के अरमापुर इस्टेट की रामलीला राम और रहीम मिलकर मनाते हैं. इस रामलीला के पात्र में विकास चंद्र शामिल हैंख् तो मोहम्मद रियाज भी हैं. लल्लन प्रसाद हैं, तो समीर खान भी. समीर और रियाज वर्षों से विभिन्न पात्रों की भूमिका निभा रहे. कभी बालि बनते हैं, तो कभी खरदूषण, कभी अहिरावण बने, तो कभी सुग्रीव. वहीं मोहम्मद वाजिद और मोहम्मद इंतजार, राम को तैयार करते हैं.
मुस्लिम तैयार करते हैं पंडाल
कानपुर के कई मोहल्लों और गांवों में रामलीला का मंचन चल रहा है. तो कई मोहल्लों में इसकी शुरुआत जल्द हो जाएगी. इस दौरान चारों ओर जय श्रीराम के गूंज सुनाई पड़ रही है, लेकिन कल्यणपुर क्षेत्र के अरमापुर इस्टेट में चल रही रामलीला अपने आप में अलग है.यहां पर हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के लोग रामलीला का पांडाल तैयार करने के साथ ही रावण व अन्य राक्षसों के पुतले तैयार करते हैं. साथ ही रामलीला मंचन में मुस्लिम भाई कलाकार बनकर किरदार भी निभाते हैं.
मोहम्मद वाजिद कहते हैं कि अरमापुर इस्टेट की रामलीला सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल है. आर्डनेंस फैक्ट्री कर्मी और बच्चे यहां की रामलीला के पात्र बनते हैं और पूरी व्यवस्थाएं करते हैं.
मुस्लिम बालि , खरदूषण, अहिरावण भी
बालि का किरदर निभा रहे समीर खान वैसे रामलीला के कई पात्रों की भूमिका निभा चुके हैं. समीर ने बताया कि हमारे मोहल्ले के लोग कई सालों से एकसाथ रहते हैं और एक-दूसरे के त्यौहारों में शामिल होते हैं. समीर ने बताया कि वैसे तो हमने रामचरित मानस के अधिकतर बड़े पात्रों के किरदार निभा चुके हैं, पर दो साल से बालि की भूमिका निभा रहे हैं. समीर ने बताया कि हमें पूरी रामचरित मानस मुंह जुबानी रटी हुई है.
तबले पर जाकिर
रामलीला मंचन के दौरान जब लक्ष्मण और परशुराम अपने संवादों से एक दूसरे की ताकत तौलते हैं, उस समय जाकिर के तबले की थाप संवादों को जीवंत कर देती है. मंच पर लक्ष्मण और मेघनाद जब युद्ध करते हैं, तो मोहम्मद मुस्लिम के हाथों तैयार की गई बिजली-व्यवस्था तलवारों की चमक बढ़ा देती है.
प्राईवेट कंपनी में नौकरी करने वाले विकास भगवान राम का रोल निभाते हैं. विकास बताते हैं कि दस दिन तक चलने वाली रामलीला के संवाद की पूरी तैयारी हमें मोहम्मद वाजिद, मोहम्मद आलिम और इंतजार अली कराते हैं. विकास कहते हैं कि यूपी की ये इकलौती रामलीला है, जिसमें सारे कलाकार मोहल्ले के हैं. इनमें हिन्दुओं के साथ-साथ मुस्लिम भाई भी शामिल हैं.
हुनर से दमक उठे 'राम'
मोहम्मद नईम कहते हैं कि ये फख्र की बात है कि हमारे हुनर से ‘राम’ दमक उठे. अरमापुर इस्टेट परिवार है और दशकों पुरानी रामलीला का मंचन हमारा पारिवारिक आयोजन. धार्मिक मतभेद का सवाल इसलिए नहीं कि हमारा धर्म केवल सामाजिकता और इंसानियत है. महामंत्री और व्यवस्थापक संजय सिंह कहते हैं कि यह अर्मापुर इस्टेट परिवार का आयोजन है.
हमें केवल एक धर्म सिखाया गया, मानवीयता, एकता और समाज सेवा. पूरा रामलीला परिवार यही कर रहा. वहीं आयोजनों की गति देने के लिए अध्यक्ष एसके यादव, महामंत्री और व्यवस्थापक संजय सिंह, कार्यकारी मंत्री मधुसूदन सिंह हैं, तो संगठन को मजबूत करने का काम मोहम्मद नईम और खुर्शीद अहमद के भी हाथ में हैं. प्रचार के लिए पूरी टीम है तो इरफान अहमद और रेहान अहमद मलिक के पास भी जिम्मेदारी है.