इजिप्ट 3 : नदी जिसने एक महान सभ्यता को जन्म दिया

Story by  हरजिंदर साहनी | Published by  [email protected] | Date 23-01-2023
नदी जिसने एक महान सभ्यता को जन्म दिया
नदी जिसने एक महान सभ्यता को जन्म दिया

 

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सदियों पहले ग्रीक इतिहासकार और भूगोलविद हैरोडोटस मिस्र गए.उन्होंने इस मुल्क का बहुत  दिनों तक अध्ययन किया.लेकिन मिस्र की जिस चीज ने उन्हें सबसे ज्यादा प्रभावित किया वह थी वहां बहने वाली नील नदी.वापस आकर उन्होंने जो लिखा उसका एक वाक्य हमेशा के लिए अमर हो गया.हैरोडोटस ने लिखा- मिस्र दरअसल नील नदी का एक उपहार है.


हम मिस्र को उसके पिरैमिड के लिए जानते हैं.वहां एक लंबे दौर तक गणित और विज्ञान के जिस इल्म का विकास हुआ उसके लिए जानते हैं.उसके शिल्प और उसकी कलाओं के लिए जानते हैं.प्राचीन काल में जैसी अमीरी मिस्र को मिली वैसी उस दौर में शायद ही किसी और मुल्क को मिली हो.पर यह सब कुछ नहीं होता अगर मिस्र में नील नदी न होती.

दुनिया की उस सबसे अनूठी सभ्यता का उद्भव और विकास एक महान नदी के किनारे ही संभव था.मिस्र एक ऐसी जगह पर बसा है जहां जमीन पूरी तरह से रेगिस्तानी है.बारिश वहां लगभग न के बराबर ही होती है.जमीन के अंदर पीने लायक पानी के स्रोत भी पहंुच के बाहर हैं.ऐसे में नील नदी ही है जो लोगों को जीने के आधार देती है.

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पूरे देश में लोग इसी का पानी पीते हैं.उनकी पूरी दिनचर्या इसी पर निर्भर है.उनके भोजन की व्यवस्था भी इसी पानी से होती है.नील नदी न होती तो शायद मिस्र के वे लहलहाते खेत भी न होेते जिनमें पैदा होने वाला अन्न लोगों का पेट भरता है.देश के 95 फीसदी लोग इसी पानी पर हर तरह से निर्भर हैं.

एक दौर था जब मिस्र की लगभग पूरी आबादी ही नील नदी के दोनों ओर पांच-पांच किलोमीटर की दूरी पर ही रहती थी.पूरी नदी से कईं नहरें निकलती हैं जो खेतों तक पानी पहंुचाती हैं.हर साल आने वाली बाढ़ अपने साथ लाई गई जो मिट्टी इन खेतों पर बिछाती है उससे यह जमीन काफी उपजाऊ हो जाती है.नील नदी ने मिस्र को यह खुशहाली हमेशा से ही दी है.

प्राचीन काल में ही वहां गेहूं और अलसी की ख्ेाती होती थी.इसके अलावा पपाइरस के पेड़ होते थे जो मिस्रवासियों के लिए कल्पवृक्ष की तरह थे.इनसे तरह-तरह का सामान तो बनता ही था साथ ही इनकी छाल से एक तरह का कागज बनता था.इन कागजों पर लिखी गई सामग्री हमें आज भी उस अतीत के बारे में बहुत कुछ बताती है.

पानी की इस उपलब्धता ने मिस्र के लोगों को यह सुविधा भी दी कि वे तरह तरह के पशु पाल सकते थे और उनका इस्तेमाल कर सकते थे.यह सुविधा एक तरफ मिस्र के कईं पड़ोसी अफ्रीकी देशों और दूसरी ओर खाड़ी के रेगिस्तानी देशों के पास उपलब्ध नहीं थी.

और सदियों तक नील नदी मिस्र के लिए परिवहन का सबसे अच्छा जरिया बनी रही.यहां तक कि यूरोपीय देशों और अरब के व्यापारियों द्वारा लाया जाने वाला माल भी नील नदी के जरिये ही कईं अफ्रीकी देशों को पंहुचता था.और इन सब नौकाओं को मिस्र से होकर ही गुजरना पड़ता था.आज भी बहुत से लोग सड़कों के जाम से बचने के लिए अपनी निजी मोटरबोट से इसी नदी में यात्रा करना पसंद करते हैं.

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इन्हीं सब चीजों ने मिस्र को सदियों तक लगातार अमीरी दी.इस स्मृद्धि में जो सभ्यता उपजी और विकसित हुई वह सबसे अनूठी और स्मृद्ध थी.आज जिन पिरैमिड को देख कर दुनिया दांतों तले उंगली दबाती है वे दरअसल इसी स्मृद्धि की देन थे.

हालांकि एक सच यह भी है कि दुनिया की सभी महान नदियों की तरह ही नील नदी भी आज प्रदूषण जैसी समस्याओं से जूझ रही है.कुछ समस्याएं नदी पर बनाए गए बांधों से भी उपजी हैंे.इसके बावजूद यह आज भी मिस्र के लोगों के जीवन का आधार बनी हुई है.

वैसे नील नदी दुनिया की सबसे बड़ी नदी है.तकरीबन 6600 किलोमीटर लंबी यह नदी मिस्र पंहुचने से पहले नौ अन्य अफ्रीकी देशों से गुजरती है.लेकिन इसका सबसे लंबा हिस्सा मिस्र में ही पड़ता है और यहीं इसने अपने इतिहास की सबसे बड़ी भूमिका भी अदा की है.

जारी……

( लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं @herhj)

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