दिवाली का शुभ मुहूर्त कब से है?

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 10-11-2023
दिवाली का शुभ मुहूर्त कब से है?
दिवाली का शुभ मुहूर्त कब से है?

 

राकेश चौरासिया

प्रकाश पर्व दीपावली (दिवाली) इस वर्ष 2023 में 12 नवंबर को देश और दुनिया में मनाई जाएगी. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कार्तिक माह की अमावस्या तिथि दिवाली मनाई जाती है और यह तिथि इस वर्ष 12 नवंबर को पड़ रही है. दीप ज्योति पर्व दिवाली पर ग्रहस्थों के पूजन समय के अतिरिक्त कई प्रकार के पूजा समय के मुहूर्त होते हैं. इस लेख में उन सभी पूजा मुहूर्तों के बारे में चर्चा की गई है.

वैदिक सनातन हिंदू धर्म के पर्वों में धनतेरस और नरक चतुर्दशी के अगले दिन प्रमुख पर्व दीपावली का हर्षोल्लास पूर्वक मनाया जाएगा. लोग अपने घरों को बिजली रंगीन लड़ियों और दीपकों की पंक्तियों से सजाएंगे. शुभ मूहूर्त में शाम को धन और ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी तथा शुभता के प्रतीक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करेंगे. 

दीपावली पूजा तिथि

  • कार्तिक अमावस्या तिथि 12 नवंबर को दिन में 2.12 बजे शुरू होगी.
  • कार्तिक अमावस्या तिथि 13 नवंबर को दिन में 2.41 बजे समाप्त होगी.
  • ज्योतिषीय गणना के अनुसार दीवाली प्रदोष काल और महानिशीथ काल व्यापिनी अमावस्या में आयोजित होती है.
  • सामान्यतः गृहस्थों और व्यापारियों के लिए के लिए प्रदोष काल में ही दीपावली का पूजन उत्तम बताया यगा है.
  • महानिशीथ काल व्यापिनी अमावस्या भी 12 नवंबर को है.
  • इसलिए 12 नवंबर को मनाई जाएगी.

दीपावली पूजा मुहूर्त

  • शास्त्रोक्त प्रमाण है ‘प्रदोषे पूज्येत लक्ष्मीं.’ अतः प्रदोषकाल में ही दीपावली की पूजा की जानी चाहिए.
  • 12 नवंबर को प्रदोष काल सायं बेला में 5.11 से 6.23 बजे तक होगा.  
  • लक्ष्मी-गणेश पूजन और खाता पूजन के लिए सायं 5.27 से 7.23 तक शुभकारी होगा, क्योंकि इस समयावधि में स्थिर लग्न यानी वृष लग्न बलवती होगी.

शुभ कार्य मुहूर्त

  • दीपावली की तिथि का पूरा काल ही शुभ होता है. इसलिए इस दिन अबूझ मुहूर्त होता है और कोई भी कार्य शुरू किया जा सकता है.
  • किंतु 12 नवंबर को प्रातः 06.41 से 08.58 तक वृश्चिक लग्न, 12.51 से 02.22 तक कुंभ लग्न और रात्रि 11.55 से 2.09 तक सिंह लग्न होगी. इन समयकालों में भी कोई शुभ कार्य करना चाहें, तो कर सकते हैं. यथा गृह निर्माण कार्य शुभारंभ, कोई नया अनुबंध शुरू करना या किसी वस्तु की खरीददारी आदि.

विशिष्ट योग

कई वर्षों के बाद इस बार एक दुर्लभ योग बन रहा है. प्रधान ग्रह शनि इस दिन स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान रहेंगे और यह स्थिति शश राजयोग कहलाती है. इस योग में जन्म लेने वाला जातक राजमान्य होता है और इस योग में किए गए कार्य के परिणाम शुम रहते हैं.

विशेष

  • छोटी दीवाली भी 12 नवंबर को ही उदया तिथि के अनुसार ही मनाई जाएगी, क्योंकि दिन में 2.12 बजे से पहले तक नरक चतुर्दशी रहेगी.
  • दीवाली के दिन देश के स्वतंत्रता सैनानियों और बलिदानी सैनिकों के नाम से एक-एक दीपक अवश्य प्रज्ज्वलित करें. सैनिक अपना सर्वोच्च बलिदान देकर हमारी आंतरिक और बाह्य सुरक्षा करते हैं. दीपावली पर उन्हें इस प्रकार याद करके उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करें.

 

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