जेप्टो बना 2023 का पहला भारतीय यूनिकॉर्न, 20 करोड़ डॉलर जुटाए

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 26-08-2023
Zepto becomes the first Indian unicorn of 2023, raises $200 million
Zepto becomes the first Indian unicorn of 2023, raises $200 million

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 

फंडिंग की किल्‍लत के बीच भारत में यूनिकॉर्न के सूखे को खत्म करते हुए ऑनलाइन ग्रॉसरी कंपनी ज़ेप्टो ने शुक्रवार को घोषणा की कि उसने अपने सीरीज ई राउंड में 20करोड़ डॉलर जुटाए हैं, जिससे कंपनी का मूल्यांकन 1.4अरब डॉलर हो गया है. निवेशकों में स्‍टेपस्‍टोन ग्रुप सबसे आगे रहा और कंपनी को कुछ नये निवेशक भी मिले.

अमेरिका स्थित गुडवाटर कैपिटल एक नए निवेशक के रूप में इस दौर में शामिल हुई. नेक्सस वेंचर पार्टनर्स, ग्लेड ब्रुक कैपिटल, लैची ग्रूम और अन्य जैसे मौजूदा निवेशकों ने सार्थक फॉलो-ऑन निवेश के साथ ज़ेप्टो में दोगुना निवेश किया. जुलाई 2021 में स्थापित ज़ेप्टो ने कहा कि उसकी अगले दो-तीन साल में सार्वजनिक होने की योजना है.

जेप्टो के सह-संस्थापक और सीईओ आदित पालीचा ने कहा, “यह व्यवसाय निष्पादन के बारे में है और हम सफल हो रहे हैं क्योंकि हमारा निष्पादन मजबूत है. हम एक पीढ़ीगत कंपनी बनाने के लिए यहां हैं और वास्तव में ऐसा लगता है कि यह सिर्फ शुरुआत है.” एक दशक से अधिक समय में पूंजी बाजार में सबसे गहरी मंदी के बीच पैसे जुटाने का यह सफल दौर ज़ेप्टो के परिचालन अनुशासन की पुष्टी करता है.

जेप्टो का नुकसान काफी कम हो गया है. कंपनी को 12 से 15 महीने में पूरी तरह से कर पूर्व लाभ में आने की उम्मीद है. कंपनी ने अपनी बिक्री में 300 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) वृद्धि की है और अगली कुछ तिमाहियों में संभवतः एक अरब डॉलर की वार्षिक बिक्री हासिल कर लेगी.

जेप्टो के सह-संस्थापक और सीटीओ कैवल्य वोहरा ने कहा, "इस पूंजी के साथ भी, हम अपना अनुशासन बनाए रखना चाहते हैं, आत्मसंतुष्टता से बचना चाहते हैं और सकारात्मक कर पूर्व लाभ पर पहुँचने के लिए कड़ी मेहनत करना चाहते हैं."

जेप्टो का मुख्यालय मुंबई में है. वह देश भर में डिलीवरी हब के नेटवर्क के माध्यम से हर 10 मिनट में 6,000 से अधिक किराना उत्पाद वितरित करती है.

इस बीच, भारत ने 2023 की पहली छमाही में कोई नया यूनिकॉर्न नहीं देखा. एक साल पहले जनवरी-जून की तुलना में स्टार्टअप फंडिंग में 70 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है.

मार्केट इंटेलिजेंस फर्म ट्रैक्सन के आंकड़ों के अनुसार, पहले छह महीनों में भारतीय स्टार्टअप्स ने केवल 5.48 अरब डॉलर जुटाए, जबकि पिछले साल इसी अवधि में उन्होंने 19.5 अरब डॉलर जुटाए थे.