दुबई
भारतीय रुपया यूएई दिरहम के मुकाबले गिरकर 23.88 तक पहुँच गया है, जो जुलाई महीने में अब तक की सबसे अनुकूल दरों में से एक है। पिछले कुछ हफ्तों में 23.3 से 23.4 के आसपास स्थिर रहने के बाद, रुपया अचानक तेज़ी से गिरा है—जो भारत में पैसे भेजने की योजना बना रहे प्रवासी भारतीयों के लिए एक सुनहरा मौका बन गया है।
ट्रंप के टैरिफ़ ऐलान का असर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त की समयसीमा से पहले भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे भारतीय बाज़ारों में अस्थिरता बढ़ गई है। इस घोषणा का सीधा असर रुपये की विनिमय दर पर पड़ा है और यह और कमजोर हुआ है।
एक्सचेंज हाउस पर 23.6-23.7 की दर
दुबई के प्रमुख एक्सचेंज हाउस फिलहाल 23.6 से 23.7 की दर पर भारतीय रुपया दे रहे हैं, जो पिछली बार फरवरी में देखी गई थी। यह दर साल की सबसे कमजोर दर 23.92 के बेहद करीब है, जो उस समय कुछ ही घंटों के लिए देखने को मिली थी।
क्या करें—अब पैसे भेजें या रुकें?
एक वरिष्ठ मुद्रा व्यापारी ने कहा,“रुपये में हालिया गिरावट इसे 2025 के अब तक के सबसे लाभदायक धन प्रेषण अवसरों में से एक बना रही है। अगर किसी ने अब तक पैसे भेजने में देरी की है, तो अब बिल्कुल सही समय है।”
डॉलर की मज़बूती बनी चुनौती
रुपये की कमजोरी की एक वजह अमेरिकी डॉलर का लगातार मज़बूत होना भी है। डॉलर 87.70 के आसपास बना हुआ है और हाल के आर्थिक आँकड़े इसकी मज़बूती की पुष्टि कर रहे हैं। ब्लूमबर्ग डॉलर स्पॉट इंडेक्स में 0.3% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो इसे 23 जून के बाद के उच्चतम स्तर पर ले गई है।
भविष्य का रुख कैसा रहेगा?
वित्तीय विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा 23.88 का स्तर संभवतः रुपये की इस गिरावट का "निचला बिंदु" हो सकता है। यदि अमेरिका और भारत के बीच व्यापार समझौते की संभावनाएँ समाप्त होती हैं, तो निकट भविष्य में कोई तेज़ सुधार संभव नहीं है।
एक विदेशी मुद्रा विशेषज्ञ के अनुसार,“अगर आप लंबे समय से किसी बेहतर विनिमय दर का इंतज़ार कर रहे हैं, तो यह वही क्षण हो सकता है। ऐसी अनुकूल दरें ज़्यादा देर नहीं टिकतीं।”
भारतीय प्रवासी जो अपने परिवार को पैसे भेजने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए अभी का समय सबसे उपयुक्त है। रुपये में हालिया गिरावट को देखते हुए जल्द ही 24 दिरहम के स्तर को छूना संभव है।