आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
शेयर बाजार में शुक्रवार को भारी उतार-चढ़ाव के बाद बढ़त के साथ कारोबार का समापन हुआ. बैंकिंग शेयरों में जबरदस्त खरीदारी और अमेरिकी बाजारों में तेजी के चलते निवेशकों में कुछ भरोसा लौटा, जिससे बीएसई सेंसेक्स 193.42 अंकों की बढ़त के साथ 83,432.89 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 55.70 अंकों की तेजी के साथ 25,461 पर बंद हुआ.
हालांकि दिन भर के कारोबार में बाजार ने ऊंचाई और गिरावट दोनों का अनुभव किया. सेंसेक्स ने दिन में 83,477.86 का उच्च स्तर और 83,015.83 का निचला स्तर छुआ, यानी 462 अंकों की हलचल देखने को मिली. निफ्टी ने भी सीमित दायरे में ही कारोबार किया लेकिन अंततः हरे निशान में बंद हुआ.
बैंकिंग और आईटी शेयरों ने संभाली बाजार की कमान
सेंसेक्स के जिन शेयरों में सबसे अधिक तेजी रही, उनमें बजाज फाइनेंस, इंफोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईसीआईसीआई बैंक, एचसीएल टेक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, टीसीएस, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एलएंडटी शामिल रहे। वहीं, ट्रेंट, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा और मारुति में गिरावट दर्ज की गई.
वैश्विक संकेत मिले-जुले
एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई और शंघाई कंपोजिट इंडेक्स बढ़त के साथ बंद हुए, जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट में रहे. यूरोपीय बाजारों में भी कारोबार के समय कमजोरी का माहौल था. हालांकि अमेरिकी बाजारों ने गुरुवार को मजबूती दिखाई, जिसका असर भारतीय बाजार की शुरुआती धारणा पर भी पड़ा.
एफआईआई की बिकवाली और डीआईआई की खरीदारी
एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने गुरुवार को 1,481.19 करोड़ रुपये की बिकवाली की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 1,333.06 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. इससे साफ है कि विदेशी निवेशकों का मूड अभी भी सतर्क है, जबकि घरेलू निवेशक गिरावट में खरीदारी को प्राथमिकता दे रहे हैं.
विशेषज्ञों की राय
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि, "भारतीय बाजारों में फिलहाल ठहराव देखा जा रहा है क्योंकि निवेशक अमेरिकी टैरिफ से जुड़ी संभावनाओं पर नजर बनाए हुए हैं. वैश्विक संकेत मिले-जुले हैं और एफआईआई की लगातार बिकवाली बाजार पर दबाव बनाए हुए है. हालांकि डीआईआई की खरीदारी से आंशिक समर्थन मिल रहा है."
उन्होंने यह भी जोड़ा कि, "मुख्य सूचकांक उच्च मूल्यांकन स्तरों के करीब हैं, जिससे आगे की बढ़त अब पहले तिमाही के नतीजों और व्यापार समझौते की बारीकियों पर निर्भर करेगी."
सेबी की बड़ी कार्रवाई
इस बीच, बाजार नियामक सेबी ने अमेरिका की फर्म Jane Street Group पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें भारतीय बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही 4,843 करोड़ रुपये के अवैध लाभ को वापस लौटाने का निर्देश दिया है. यह सेबी की ओर से अब तक का सबसे बड़ा "डिसगॉर्जमेंट ऑर्डर" माना जा रहा है.
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ब्रेंट क्रूड की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई और यह 1.03% लुढ़ककर 68.03 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जो आयातक देशों के लिए राहत की खबर मानी जा रही है.
हालांकि बाजार में भारी उतार-चढ़ाव रहा, लेकिन बैंकिंग और आईटी शेयरों में खरीदारी से निवेशकों को कुछ राहत मिली. आगे की दिशा अब घरेलू कंपनियों के Q1 परिणामों और वैश्विक आर्थिक संकेतों पर निर्भर करेगी। निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है क्योंकि विदेशी निवेशक अभी भी जोखिम लेने से बच रहे हैं.