जेन स्ट्रीट ने कैसे भारतीय बाजारों को चकमा देकर कमाए ₹36,500 करोड़?

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 04-07-2025
How did Jane Street cheat the Indian markets and make ₹36,500 crores?
How did Jane Street cheat the Indian markets and make ₹36,500 crores?

 

आवाज द वाॅयस/नई दिल्ली

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने दुनिया की सबसे बड़ी क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग कंपनियों में से एक, अमेरिकी फर्म Jane Street के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उसे भारतीय शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही, कंपनी को ₹4,843 करोड़ के अवैध लाभ लौटाने का आदेश भी दिया गया है। हालांकि, Jane Street ने इन आरोपों से इनकार किया है।


Jane Street कौन है और कितनी बड़ी कंपनी है?

Jane Street एक वैश्विक प्रोपाइटरी ट्रेडिंग फर्म है, जिसकी स्थापना 2000 में हुई थी। इसके 3,000 से अधिक कर्मचारी हैं और इसके ऑफिस अमेरिका, यूरोप और एशिया में फैले हुए हैं। 45 देशों में इसकी उपस्थिति है, और एशिया खासकर हांगकांग में इसकी गतिविधियाँ तेज़ी से बढ़ रही हैं।

Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी का वार्षिक राजस्व पिछले साल $20.5 अरब (लगभग ₹1.7 लाख करोड़) था।


भारत में Jane Street की गतिविधियाँ

SEBI के अनुसार, Jane Street ने जनवरी 2023 से मार्च 2025 के बीच भारतीय शेयर बाजार में इंडेक्स ऑप्शंस ट्रेडिंग के जरिए लगभग $5 अरब (₹36,671 करोड़) का मुनाफा कमाया।

इसमें से ₹4,843 करोड़ की रकम को "अवैध लाभ" माना गया है, जिसकी जांच SEBI कर रहा है।

Jane Street पहली बार भारत में तब चर्चा में आया जब 2023 में उसने अपने प्रतिस्पर्धी हेज फंड Millennium Management के खिलाफ अमेरिका में मुकदमा दायर किया। इस मामले से यह बात सामने आई कि Jane Street ने भारत में एक बेहद मुनाफे वाला ऑप्शंस ट्रेडिंग मॉडल तैयार किया था, जिससे सिर्फ 2023 में उसे $1 अरब (₹8,000 करोड़ से अधिक) का लाभ हुआ।


SEBI की जांच में क्या सामने आया?

SEBI की अंतरिम रिपोर्ट में Jane Street पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कंपनी पर 21 बार "expiry days" के दौरान जानबूझकर निफ्टी और बैंक निफ्टी इंडेक्स में हेरफेर करने का आरोप है। ये हेरफेर जनवरी 2023 से मई 2025 के बीच किए गए।

दो प्रमुख रणनीतियाँ सामने आईं:

  1. "मार्निंग पंप, आफ्टरनून डंप" रणनीति:

    • Jane Street ने बाजार खुलने के तुरंत बाद बैंक निफ्टी के स्टॉक्स और फ्यूचर्स में भारी खरीद की, जिससे इंडेक्स ऊपर गया।

    • दिन के आखिर में उसने आक्रामक रूप से इन हिस्सों को बेचा, जिससे इंडेक्स में गिरावट आई।

    • इससे खुदरा निवेशकों को यह भ्रम हुआ कि बाज़ार में तेजी है, जबकि असल में यह हेरफेर था।

  2. "Expiry Day Index Manipulation":

    • एक्सपायरी के दिन के आखिरी घंटों में Jane Street ने इंडेक्स के स्तर को प्रभावित करने के लिए बड़े और सटीक सौदे किए।

    • इससे ऑप्शंस की कीमतें प्रभावित हुईं और कंपनी ने बड़े मुनाफे कमाए।


Jane Street को कैसे हुआ मुनाफा?

SEBI के अनुसार Jane Street को मिला:

  • ₹44,358 करोड़ का मुनाफा इंडेक्स ऑप्शंस से

  • ₹7,208 करोड़ का नुकसान स्टॉक फ्यूचर्स से

  • ₹191 करोड़ का नुकसान इंडेक्स फ्यूचर्स से

  • ₹288 करोड़ का नुकसान कैश मार्केट में

कुल मिलाकर कंपनी ने ₹36,671 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया, जिसमें से ₹4,843 करोड़ को SEBI ने अवैध माना है।


SEBI की कार्रवाई:

SEBI ने Jane Street से जुड़ी चार कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है:

  • JSI Investments

  • JSI2 Investments Pvt Ltd

  • Jane Street Singapore Pte Ltd

  • Jane Street Asia Trading

इन सभी संस्थाओं को भारतीय शेयर बाजार में किसी भी प्रकार की खरीद-बिक्री या व्यापारिक गतिविधियों से तब तक रोका गया है, जब तक कि जांच पूरी न हो जाए।

साथ ही, इन कंपनियों के बैंक खातों से निकासी पर भी रोक लगा दी गई है, जब तक SEBI अनुमति न दे।


SEBI ने क्या कहा?

SEBI ने अपनी रिपोर्ट में कहा:
“Jane Street Group ने NSE द्वारा फरवरी 2025 में जारी स्पष्ट चेतावनी की पूरी तरह अनदेखी की। इस तरह का व्यवहार दिखाता है कि यह समूह एक ‘गुड फेथ’ अभिनेता नहीं है, जिस पर भरोसा किया जा सके।”


क्या है आगे का रास्ता?

SEBI के आदेश को Jane Street कानूनी रूप से चुनौती दे सकता है। लेकिन इस घटना ने भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) और एल्गो ट्रेडिंग फर्मों की गतिविधियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला एक उदाहरण बन सकता है कि कैसे भारतीय बाजार में सख्त निगरानी की आवश्यकता है।

Jane Street की कथित "पंप-डंप" और "expiry day manipulation" रणनीतियाँ एक बड़े पैमाने पर बाजार हेरफेर का उदाहरण हैं, जिसमें छोटे निवेशकों को भ्रमित कर भारी मुनाफा कमाया गया। SEBI की सख्त कार्रवाई इस दिशा में एक अहम कदम है कि कोई भी बड़ी विदेशी कंपनी भारतीय बाजार के नियमों को ताक पर रखकर मुनाफा नहीं कमा सकती।