नई दिल्ली
रूसी कंपनी Intrud की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर एलेना वेल्याएवा ने उम्मीद जताई है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दो दिवसीय भारत यात्रा से “नई संभावनाओं और नए दृष्टिकोणों” का रास्ता खुलेगा।
ANI से बातचीत में वेल्याएवा ने कहा कि भारत और रूस के संबंध ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहे हैं और दोनों देशों के बीच कारोबार से लेकर शिक्षा और मानव संसाधन तक कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ने की संभावनाएँ हैं।
वेल्याएवा ने कहा,“हम नए परिप्रेक्ष्य, नए संबंध और बिज़नेस, एजुकेशन व मैनपावर के क्षेत्र में नए अवसरों की उम्मीद कर रहे हैं। रूस और भारत के रिश्ते लंबे समय से काफी निकट रहे हैं—सोवियत संघ के समय से ही कई बड़े प्रोजेक्ट साथ में किए गए। अब हमें लगता है कि हम नई परियोजनाओं की शुरुआत कर सकते हैं और नए आयाम खोल सकते हैं।”
रूसी विदेश मंत्रालय ने वे तस्वीरें साझा की हैं जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली एयरपोर्ट पर स्वयं राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते दिखाई दे रहे हैं। मंत्रालय ने इसे भारत–रूस की मजबूत कूटनीतिक साझेदारी का प्रतीक बताया।
क्रीमलिन ने Sputnik को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी का एयरक्राफ्ट रैंप पर पुतिन को रिसीव करने का निर्णय “अनपेक्षित” था और इसकी पूर्व सूचना रूस को नहीं दी गई थी।
रूसी विदेश मंत्रालय ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा:“राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत की दो दिवसीय राजकीय यात्रा के लिए पहुँच चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उन्हें गर्मजोशी से व्यक्तिगत स्वागत प्राप्त हुआ।”
पुतिन की यह यात्रा भारत की वैश्विक राजनीति में “रणनीतिक संतुलन” की नीति को भी रेखांकित करती है—जहाँ भारत रूस के साथ मजबूत साझेदारी बनाए रखते हुए पश्चिमी देशों के साथ भी संबंध साधता है।
वार्ता में निम्न मुद्दों के शामिल होने की संभावना है:
यूक्रेन संघर्ष
अफ़गानिस्तान की स्थिति
भारत–रूस रणनीतिक साझेदारी को और विस्तारित करना
चार साल बाद भारत आए राष्ट्रपति पुतिन का दिल्ली एयरपोर्ट पर पारंपरिक स्वागत किया गया, जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन एक ही वाहन में रवाना हुए। पुतिन 4–5 नवंबर तक भारत में रहेंगे।