तेहरान
अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय परमाणु प्रतिबंधों के दबाव से जूझ रही ईरानी अर्थव्यवस्था पर एक और बड़ा झटका लगा है। बुधवार को ईरान की मुद्रा रियाल भारी गिरावट के साथ 12 लाख प्रति अमेरिकी डॉलर के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुँच गई। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने मंगलवार को नई विनिमय दर की घोषणा की थी, जो अब आधिकारिक तौर पर मुद्रा बाजार में लागू हो गई है।
रियाल में आई इस तेज गिरावट का सीधा असर आम लोगों की जिंदगी पर पड़ रहा है। खाद्य पदार्थों और दैनिक जरूरी वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। मांस, चावल, दाल और तेल जैसी बुनियादी वस्तुओं के दामों में भारी वृद्धि होने से महंगाई का बोझ आम नागरिकों पर और ज्यादा बढ़ गया है। कई परिवारों के लिए रोजमर्रा के खर्च पूरे करना मुश्किल होता जा रहा है।
ईरान की अर्थव्यवस्था पहले से ही तेल निर्यात पर लगे प्रतिबंधों के कारण कमजोर स्थिति में है। तेल देश की आय का सबसे बड़ा स्रोत रहा है, और निर्यात में आई भारी कमी ने वित्तीय स्थिरता को झकझोर दिया है।
इसके साथ ही, ईरान और इज़राइल के बीच तनाव बढ़ने की आशंकाओं ने भी आर्थिक चिंता को और गहरा कर दिया है। कई ईरानी नागरिकों का मानना है कि यदि दोनों देशों के बीच संघर्ष दोबारा भड़कता है, तो उसका असर सीधे बाजार, आपूर्ति शृंखला और घरेलू महंगाई पर पड़ेगा।
तमाम चिंताओं के बीच लोगों को पिछले जून की याद सता रही है, जब ईरान और इज़राइल के बीच 12 दिनों तक तीखा संघर्ष चला था। अमेरिकी हस्तक्षेप के बाद हालात शांत हुए थे, लेकिन क्षेत्र में तनाव अब भी कायम है।