GST सुधार से फुटवियर, क्यूएसआर, एफएमसीजी और किराना रिटेलर्स को सबसे ज्यादा फायदा : रिपोर्ट

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 06-09-2025
Footwear, QSR, FMCG and grocery retailers benefit the most from GST reform: Report
Footwear, QSR, FMCG and grocery retailers benefit the most from GST reform: Report

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी बर्नस्टीन ने कहा है कि हाल में घोषित जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) दरों में कटौती से भारत में उपभोग को बढ़ावा मिलेगा। कंपनी ने अपने ताज़ा विश्लेषण में खास तौर पर फुटवियर, क्विक-सर्विस रेस्टोरेंट्स (QSRs), एफएमसीजी और किराना रिटेलर्स के लिए सकारात्मक परिदृश्य पेश किया है.
 
रिपोर्ट के अनुसार सबसे बड़ा आश्चर्य व्यक्तिगत देखभाल और होम केयर उत्पादों (जैसे साबुन, शैम्पू, हेयर ऑयल, पाउडर, टूथपेस्ट) पर जीएसटी को 12%/18% से घटाकर 5% करना है. इससे एफएमसीजी कंपनियों को तुरंत मूल्य निर्धारण का सहारा मिलेगा और वे उपभोक्ताओं से वसूले गए सकल मूल्य का बड़ा हिस्सा अपने पास रख सकेंगी. मध्यम अवधि में इससे या तो उत्पादों के ग्रैमेज (मात्रा) बढ़ाकर या उपभोक्ताओं की जेब में अप्रत्यक्ष रूप से अधिक धन बचाकर मांग को बढ़ाया जा सकता है.
 
बर्नस्टीन का कहना है कि डीमार्ट, विशाल मेगा मार्ट और ट्रेंट के स्टार जैसे किराना रिटेलर्स के साथ-साथ क्विक कॉमर्स कंपनियों को भी इससे अधिक लाभ होगा.
 
वस्त्र और फुटवियर सेगमेंट में जीएसटी ढांचे को भी बदला गया है। पहले 1000 रुपये से कम मूल्य वाले वस्त्रों पर 5% और 1000 रुपये से अधिक मूल्य वाले वस्त्रों पर 12% जीएसटी था, जबकि फुटवियर पर 1000 रुपये तक 12% और उससे अधिक पर 18% लगता था। अब 1000 से 2500 रुपये तक के वस्त्र और फुटवियर पर जीएसटी 5% कर दिया गया है, जबकि 2500 रुपये से ऊपर के वस्त्रों पर जीएसटी 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया है (फुटवियर 2500 रुपये से ऊपर पहले से 18% पर था).
 
रिपोर्ट में कहा गया है, “हम मानते हैं कि यह ट्रेंट के लिए हल्का-सा सकारात्मक है, क्योंकि उनकी लगभग 30% आमदनी 1000 रुपये से अधिक औसत बिक्री मूल्य वाले उत्पादों से आती है. आदित्य बिड़ला लाइफस्टाइल ब्रांड्स (एबीएलबीएल) और एबीएफआरएल को भी लाभ होगा क्योंकि उनके अधिकांश उत्पाद 1000 रुपये से ऊपर हैं.
 
वहीं, विशाल मेगा मार्ट, वीमार्ट, वी2 रिटेल और स्टाइल बाज़ार जैसे वैल्यू अपैरल रिटेलर्स के लिए प्रभाव लगभग न्यूट्रल होगा, क्योंकि उनके अधिकांश उत्पाद 1000 रुपये से कम मूल्य के हैं.