चीन के मुकाबले भारत में बहुत कम है चाय अनुसंधान निधि: उद्योग संगठन

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 06-09-2025
चीन के मुकाबले भारत में बहुत कम है चाय अनुसंधान निधि: उद्योग संगठन
चीन के मुकाबले भारत में बहुत कम है चाय अनुसंधान निधि: उद्योग संगठन

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
चीन के मुकाबले भारत में चाय की फसल को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान निधि बहुत कम है. चाय उद्योग के एक निकाय ने यह दावा करते हुए कहा कि भारत इस पर सालाना 30 करोड़ रुपये खर्च करता है, जबकि चीन का निवेश 110 करोड़ रुपये से अधिक है.

चाय अनुसंधान संघ (टीआरए) की चेयरपर्सन नयनतारा पालचौधरी ने कहा कि उनकी संस्था को गंभीर वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
 
उन्होंने इस संकट से निपटने के लिए उद्योग जगत से अधिक भागीदारी की अपील की.
 
पालचौधरी ने शुक्रवार को टीआरए की वार्षिक आम बैठक में कहा, ''50 प्रतिशत से अधिक सदस्य संस्थाएं अपना बकाया योगदान नहीं दे रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप धन की कमी है.'
 
उन्होंने कहा, ''दुनिया में चाय का सबसे बड़ा उत्पादक चीन इस फसल पर सालाना 110 करोड़ रुपये खर्च करता है, जबकि भारत केवल 30 करोड़ रुपये का निवेश करता है। भारत में अनुसंधान निधि में बड़ी कमी है.
 
उन्होंने कहा कि सरकार और बड़े बागानों को चाय अनुसंधान में अपना योगदान बढ़ाना चाहिए.