चिपमेकिंग उपकरण कंपनियां अब कर रहीं भारत का रुख

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 14-06-2024
Chipmaking equipment companies are now turning to India
Chipmaking equipment companies are now turning to India

 

नई दिल्ली. चिपमेकिंग उपकरण उद्योग अब भारत की ओर रुख कर रहा है. चीन और पश्चिम देशों के बीच तनाव के चलते ये कंपनियां अब भारत को चीन के विकल्प के रूप में देख रही है. अंतर्राष्ट्रीय चिप उद्योग समूह 'एसईएमआई' सितंबर में पहली बार भारत में अपनी सेमीकॉन प्रदर्शनी आयोजित करने के लिए तैयार है. निक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रदर्शनी पहले अमेरिका, जापान, यूरोप, ताइवान, दक्षिण कोरिया, चीन और दक्षिण पूर्व एशिया में आयोजित की जा चुकी है.

प्रदर्शनी में टोक्यो इलेक्ट्रॉन, डिस्को, कैनन, टोक्यो सेइमित्सु और दाइफुकु सहित कई जापानी कंपनियों के भाग लेने की योजना है. टोक्यो इलेक्ट्रॉन चिपमेकिंग प्रक्रिया में वेफर डिपोजिशन, कोटिंग और अन्य कई उपकरण प्रदर्शित करेगा. इसके अतिरिक्त, एप्लाइड मैटेरियल्स,लैम रिसर्च और केएलए जैसी अमेरिका-आधारित कंपनियों के भी प्रदर्शनी में बड़े बूथ होंगे.

हाल के वर्षों में, अमेरिका के साथ तनाव के कारण, कंपनियों के चीन से बाहर जाने का रुख रहा है. एप्पल आईफोन और अन्य उत्पादों का उत्पादन चीन से भारत स्थानांतरित कर रहा है.

मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1.25 लाख करोड़ रुपये की तीन सेमीकंडक्टर परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी. टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल) द्वारा 91 हजार करोड़ रुपये के निवेश के साथ गुजरात के धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (डीएसआईआर) में चिप निर्माण केंद्र की स्थापना की जा रही है.

टीईपीएल की ओर से टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग (टीएमपी) के लिए असम के मोरीगांव में आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) सुविधा सेमीकंडक्टर असेंबली की स्थापना की जा रही है. इसमें 27 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा.

अप्रैल में केंद्रीय रेल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि भारत ने चार सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाइयां चालू की हैं और पांच वर्षों में देश दुनिया के सबसे बड़े सेमीकंडक्टर केंद्रों में से एक बन जाएगा.

हांगकांग स्थित काउंटरपॉइंट टेक्नोलॉजी मार्केट रिसर्च के अनुसार, भारत का सेमीकंडक्टर-संबंधित बाजार 2026 में 64 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा. यह 2019 के मुकाबले लगभग तीन गुना होगा. 

 

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