डोभाल के एनएसए बनने पर मुस्लिम रहनुमा खुश, बोले- आप हैं सरकार और मुसलमानों के बीच की कड़ी

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 16-06-2024
Muslim leaders welcome NSA Doval's re-appointment
Muslim leaders welcome NSA Doval's re-appointment

 

राकेश चौरासिया / नई दिल्ली

मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में अजीत डोभाल को तीसरी पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) नियुक्त किया है. इसकी देश भर में सुखद प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. खासकर मुस्लिम समाज के आलिम और उलमा एकराम भी उनकी इस तैनाती से खुश नजर आ रहे हैं. दरअसल,एनएसए डोभाल ने हिंदू-मुस्लिम सौहार्द के लिए काफी काम किया है. इसलिए मुस्लिम तबके के लोग भी उनका समान आदर और स्नेह करते हैं. मुस्लिम रहनुमाओं को लगता है कि एनएसए डोभाल के माध्यम से वे अपनी बात सरकार तक पहुंचा सकते हैं.

इंटर फेथ हार्मनी फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. ख्वाजा इफ्तिखार अहमद ने  कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में अजीत डोभाल का लगातार तीसरा कार्यकाल उनकी साख का एक आदर्श प्रमाण है, जिसके लिए वे जाने जाते हैं.

यह न केवल उनकी पिछली दो बहुत सफल पारियों का अभिनंदन है, बल्कि इससे भी बढ़कर यह उनकी व्यक्तिगत ईमानदारी, व्यावसायिकता, उच्च नैतिक आधार को दर्शाता है, जो वे राष्ट्रीय और वैश्विक महत्व और परिणाम के मामलों में अपनाते हैं. यह हमारे राज्य और हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व के उन पर विश्वास और आस्था का भी प्रतिबिंब है.

अहमद ने कहा कि तीसरे कार्यकाल के लिए उनकी पुनर्नियुक्ति से उन नीतियों की निरंतरता और निरंतरता आएगी, जिन्होंने घरेलू और बाहरी दोनों मोर्चों पर शानदार परिणाम दिए हैं. मैं उन्हें और उनकी सक्षम टीम के सदस्यों को तहे दिल से बधाई देता हूं. जब भी मेरी सेवाओं का कोई महत्व होगा, मैं उनके साथ खड़ा रहूंगा.

चिश्ती फाउंडेशन के अध्यक्ष हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने अजीत डोभाल को तीसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में उनकी पुनः नियुक्ति पर हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि हमारे प्यारे देश भारत की सुरक्षा और अखंडता के प्रति आपका दृढ़ समर्पण शक्ति और लचीलेपन का एक सच्चा उदाहरण है. भारत की शांति और स्थिरता की रक्षा में आपके अथक प्रयासों की हम तहे‘दिल से सराहना और सम्मान करते हैं. कश्मीर की शांत घाटियों से लेकर कन्याकुमारी की जीवंत भूमि तक, आपका काम एकता को बढ़ावा देने और समुदायों को सद्भाव और समझ की भावना से एक साथ लाने में सहायक रहा है.

चिश्ती ने कहा कि भारत में सूफी समुदाय की आवाज को बढ़ाने के लिए आपकी प्रतिबद्धता किसी की नजर से नहीं छूटी है. सूफीवाद की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत को बढ़ावा देकर, आपने प्रेम, सहिष्णुता और समावेशिता के मूल्यों को पोषित करने में मदद की है, जो हमारे देश के ताने-बाने के लिए बहुत जरूरी हैं.

हमें आपके प्यार भरे स्नेह और यादें साफ तौर पर याद हैं, जो आपने अजमेर शरीफ के लिए अपनी बेदाग उर्दू बोली में हमारे साथ साझा की थीं, क्योंकि आपने अपनी शुरुआती स्कूली शिक्षा अजमेर मिलिट्री स्कूल में बिताई थी. विभिन्न धर्मों, आध्यात्मिक और धार्मिक नेताओं की विश्वसनीय आवाजों के बीच सार्थक संवादों के माध्यम से संचार अंतराल को पाटने के आपके प्रयासों ने अधिक पारस्परिक सम्मान और समझ का मार्ग प्रशस्त किया है.

उन्होंने कहा कि इन चुनौतीपूर्ण समय में, एक पुल-निर्माता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के प्रवर्तक के रूप में आपकी भूमिका आपके दूरदर्शी नेतृत्व का प्रमाण है. आपकी निरंतर सेवा को सफलता मिले और यह हमारे देश को अधिक सद्भाव, समृद्धि और आध्यात्मिक ज्ञान की ओर ले जाए. ईश्वर की कृपा आप पर और आपके सभी शुभचिंतकों पर हमेशा बनी रहे. अत्यंत सम्मान और शुभकामनाओं के साथ, अजमेर शरीफ से दुआएं और आशीर्वाद.

मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के पूर्व चांसलर और पारसोली कॉर्पोरेशन के मालिक जफर सरेशवाला ने एनएसए डोभाल की फिर से हुई तैनाती पर गौरो-फिक्र करते हुए कहा कि अजीत डोभाल साहब एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने एनएसए के पद को अभूतपूर्व गौरव पर पहुंचाया है. मुझे उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में और माननीय प्रधानमंत्री के उन पर विश्वास

— Awaz -The Voice हिन्दी (@AwazTheVoiceHin) June 13, 2024

अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि हम भारत के लोग अजीत डोभाल साहब को फिर से एनएसए के रूप में कार्यभार संभालने पर बधाई देते हुए गर्व महसूस करते हैं. अजीत डोभाल साहब का सभी भारतीयों, खासकर मुसलमानों में बहुत सम्मान है. मुझे यकीन है कि एनएसए के रूप में उनके आने से हमारा देश और अधिक सुरक्षित और मजबूत बनेगा. एनएसए के रूप में उनका पिछला सेवा रिकॉर्ड मेरे कथन का प्रमाण है.

भूराजनति विश्लेषक जुनैद सुहैस ने एक्स पर कहा कि अजीत डोभाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) के रूप में फिर से नियुक्त किया गया है.

उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ या अगले आदेश तक के लिए है. अजीत डोभाल, 1968 बैच के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है, जिसमें कश्मीर में सुरक्षा ग्रिड स्थापित करने में उनकी भूमिका और प्रमुख सुरक्षा घटनाओं के जवाबों को आकार देने में उनका प्रभाव शामिल है.

— Junaid Suhais (@junaidsuhais) June 13, 2024

पहलगाम के पूर्व मेयर ओवैस नजीर ने एक्स पर कहा, ‘‘श्री अजीत डोभाल, आईपीएस (सेवानिवृत्त) को कैबिनेट मंत्री के पद के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया. राष्ट्र के प्रति उनकी निरंतर सेवा में उन्हें सफलता की कामना करता हूँ.’’

शिया विद्वान मौलाना कल्ब जवाद ने भी अजीत डोभाल को तीसरी बार एनएसए बनाए रखने पर खुशी जताई है. आवाज द वॉयस से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस खबर से बेहद खुश हूं. देश की सुरक्षा के लिए उनकी मौजूदगी बेहद जरूरी है. देश के प्रति उनकी सेवाएं सराहनीय हैं. उन्होंने कहा कि इनका अस्तित्व देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. देश एवं प्रदेशवासियों की ओर से उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं.

अल्पसंख्यक आयोग के राष्ट्रीय सलाहकार अली दारूवाला ने कहा कि वह श्री अजीत डोभाल को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में पुनः नियुक्त होने पर बधाई देता हूूं. उनकी अध्यक्षता और उनके नेतृत्व में हम मुसलमान भारत में बहुत सुरक्षित महसूस करते हैं.

पिछले 10 वर्षों में कोई भी आतंकी हमला नहीं हुआ है. मुसलमानों को निशाना नहीं बनाया गया है. भारत दंगा मुक्त हो गया है. यह केवल अजीत डोभाल द्वारा खुफिया इनपुट और उनके द्वारा समय पर की गई कार्रवाई के कारण है. वास्तव में इस प्रतिष्ठित पद के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति का चयन करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को बधाई देता हूं.

मुस्लिम सत्यशोधक मंडल के अध्यक्ष डॉ. शम्सुद्दीन तंबोली ने कहा कि आंतरिक और बाहरी सुरक्षा देश में रहने वाले विभिन्न धर्मों के नागरिकों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों और आपसी विश्वास पर निर्भर करती है. हमें उम्मीद है कि अजीत डोभाल की पुनः नियुक्ति से यह भावना बढ़ेगी और दो समुदायों के बीच कलह को बढ़ावा देकर भय का माहौल बनाने की कोशिश करने वाले तत्वों पर लगाम लगाने के लिए ईमानदारी से प्रयास किए जाएंगे.

डोभाल के कार्यकाल में इस्लामिक कट्टरवाद और आतंकवाद पर काफी हद तक लगाम लगी है, जिससे भारतीय मुस्लिम समुदाय को काफी फायदा हुआ है. हम अजीत डोभाल सर को देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में उनकी पुनः नियुक्ति पर बधाई देते हैं.

भामला फाउंडेशन, मुंबई के आसिफ भामला ने कहा कि हम अजीत डोभाल की पुनः नियुक्ति का स्वागत करते हैं. वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा  के लिए अपने लौह पुरुष के रूप में जाने जाते हैं, ताकि हमारी सीमाओं को सुरक्षित रखा जा सके और हमारे पड़ोसियों को उचित सुरक्षा प्रदान की जा सके. उन्हें शुभकामनाएँ!

— Awaz -The Voice हिन्दी (@AwazTheVoiceHin) June 13, 2024

श्रीनगर से भाजपा के वरिष्ठ नेता और लेखक खालिद जहांगीर ने कहा कि वर्तमान भू-राजनीतिक माहौल में, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में अजीत डोभाल की भूमिका अपरिहार्य है. भारत के सामने जटिल आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना करने के साथ, डोभाल का व्यापक अनुभव महत्वपूर्ण है.

उनकी रणनीतिक अंतर्दृष्टि और राजनीति से ऊपर राष्ट्रीय हितों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता उन्हें भारत की सुरक्षा नीतियों को आगे बढ़ाने और मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बनाती है.

संपर्क अभियान कश्मीर की अध्यक्ष सबा भट ने अजीत डोभाल के तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किए जाने पर  उनके अटूट समर्पण और असाधारण सेवा की सराहना की और राष्ट्रीय रक्षा और रणनीतिक नीतियों को बढ़ाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला. भट ने डोभाल के निरंतर नेतृत्व और भारत की सुरक्षा और वैश्विक स्थिति पर इसके सकारात्मक प्रभाव पर विश्वास व्यक्त किया.

— Owais Nazir (@OwaisNazir_) June 13, 2024