आवाज द वाॅयस /हैदराबाद
मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के कुलपतिप्रो सैयद ऐनुल हसन ने मुंबई की इंडियन डॉक्यूमेंट्री प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के सहयोग से इंस्ट्रक्शनल मीडिया सेंटर में 3दिवसीय डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकिंग वर्कशॉप का उद्घाटन किया. कार्यशाला में 50 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं.
इस दौरान अपनी अध्यक्षीय टिप्पणी में प्रोफेसर ऐनुल हसन ने महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए एक उपकरण के रूप में वृत्तचित्र फिल्म निर्माण के महत्व पर जोर दिया.
उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि प्रतिभागियों को वृत्तचित्र बनाने के बारे में ज्ञान प्राप्त होगा. वे कुछ अच्छे इनपुट के साथ सामने आएंगे. उन्होंने फिल्म निर्माण के दो महत्वपूर्ण पहलुओं के रूप में धारणा और प्रस्तुति की पहचान की. उन्होंने फिल्म निर्माण को एक कठिन काम बताते हुए प्रतिभागियों से इस अवसर का उपयोग करने और क्षितिज से परे जाने का प्रयास करने का आहवान किया.
कार्यशाला का उद्देश्य प्रभावशाली और अर्थपूर्ण वृत्तचित्र फिल्में बनाने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करना है.प्रो सिद्दीकी, मो. महमूद, ओएसडी और रजिस्ट्रार आईसी ने वृत्तचित्र फिल्मों के महत्व के बारे में बात की इसकी विभिन्न शैलियों का वर्णन किया.
आईडीपीए के अध्यक्ष संस्कार देसाई ने अपने संबोधन में बाजार में वृत्तचित्रों के लिए पर्याप्त गुंजाइश की उपलब्धता पर बातें रखीं. वर्कशॉप में दो प्रतिष्ठित और पुरस्कृत फिल्म निर्माता कमलेश के. मिश्रा और डॉ. संतोष पठारे प्रतिभागियों के साथ बातचीत करेंगे.
रिजवान अहमद, निदेशक, आईएमसी और कार्यशाला निदेशक ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में आयोजन के लक्ष्यों और उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारतीय फिल्म निर्माता विभिन्न समारोहों में अंतरराष्ट्रीय प्रशंसा प्राप्त कर अच्छा काम कर रहे हैं.
कार्यशाला संयोजक मो. मोहम्मद मुजाहिद अली, निर्माता ने उद्घाटन सत्र बुलाया, जबकि उमर आजमी, निर्माता ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा.वर्कशॉप में स्क्रिप्टिंग, सिनेमैटोग्राफी, साउंड डिजाइन, एडिटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़े विषय शामिल होंगे, जिनपर प्रतिभागी बातचीत करेंगे.