बिहार का रेहान क्यों बनना चाहता है एमएफ हुसैन?

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 11-01-2024
Why does Rehan of Bihar want to become MF Hussain ?
Why does Rehan of Bihar want to become MF Hussain ?

 

सेराज अनवर / पटना

बिहार के एक सुदूर गांव में एक नए ‘एमएफ हुसैन’ का उदय हो रहा है. मकबूल फिदा हुसैन आज इस दुनिया में नहीं हैं. मगर उनकी चित्रकारी की कला को 18 वर्षीय रेहान रजा कैनवास पर अपनी उंग्लियों से उकेरकर जीवंत कर रहा है. 24 घंटों में 248 स्केच आर्ट बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले रेहान रजा का सपना एक दिन मोनालिसा जैसी विश्व विख्यात पेंटिंग बनाने की है. पद्मश्री एमएफ हुसैन को वह पेंटिंग की दुनिया का रोल मॉडल मानते हैं. सीमांचल के इस लाल की आज न सिर्फ बिहार, बल्कि देश भर में चर्चा हो रही है. इलाके के बच्चे भी अब रेहान के साथ जिंदगियों के रंगों को कैनवास पर उतारने में मसरुफ हो गये हैं.

रेहान कटिहार जिले की शिकारपुर पंचायत स्थित बेनीबाड़ी गांव के रहने वाले हैं.अल्पसंख्यक बहुल सीमांचाल का यह पिछड़ा क्षेत्र है.पेंटिंग जैसी महंगी कला के बारे में यहां कोई सोच भी नहीं सकता है. रेहान ने अपनी जिद और जुनून से इलाक़े की सोच बदल कर रख दी है. आज सीमांचल रेहान पर गौरवान्वित महसूस कर रहा है.

बचपन से पेंटिंग का जुनून

छोटी आयु से स्केचिंग और पेंटिंग कर रहे रेहान को घर वाले डॉक्टर या इंजीनियर बनाना चाहते थे, लेकिन रेहान ने सबके विपरीत जाकर पेंटिंग को अपना पेशा बनाने की ठान ली और दसवीं की परीक्षा के बाद दिन-रात अपनी कला को निखारने में लग गए. रेहान रजा ने पिछले साल सितंबर में इन्फ्लुएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज करा लोगों को हैरत में डाल दिया. कल तक जो उनकी चित्र कला का क़द्र नहीं करते थे, आज उनके मुरीद हों गये हैं. गांव और आसपास के इलाकों में वह मशहूर हो गए हैं.

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इस प्रतियोगिता का आयोजन भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने किया था. रेहान ने विश्व से आए हुए कई प्रतिभाशाली कलाकारों को पीछे छोड़ विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया. प्रतियोगिता में भारत सहित अमेरिका, न्यूजीलैंड, जापान आदि से सैंकड़ों चित्रकार शामिल हुए थे. इन्फ्लुएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में विश्व रिकॉर्ड बनाने से पहले रेहान ने राष्ट्रीय स्तर पर स्केचिंग आर्ट में गोल्ड मेडल जीता था. इसके अलावा अगस्त में दिल्ली से सटे फरीदाबाद में उन्हें इंडिया प्राउड बुक्स ऑफ रिकार्ड्स के द्वारा ‘भारत गौरव सम्मान’ दिया गया.

रेहान का सपना क्या है?

रेहान पद्म विभूषण से सम्मानित महान चित्रकार एमएफ हुसैन की तरह बनना चाहते हैं. उनका सपना है कि लिओनार्दो दा विंची की मोनालिसा पेंटिंग की तरह उनकी पेंटिंग भी विश्व विख्यात हो और उसकी भी पेंटिंग एक दिन लाखों-करोड़ों में बिके.कला के क्षेत्र में रेहान अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं.

रेहान ने शिकारपुर के माहीनगर हाईस्कूल से अपनी प्राथमिक शिक्षा हासिल की. उन्होंने बीते वर्ष बारहवीं की परीक्षा दी है. रेहान का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है. इसके कारण उन्हें दसवीं के बाद पसंदीदा विषय में दाखिला नहीं मिल सका. रेहान ने जब पेंटिंग शुरू की, तो आस-पड़ोस के लोगों की काफी निंदा झेलनी पड़ी. पेंटिंग को लोग अहमियत नहीं देते हैं.

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आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से होने के कारण स्केचिंग और पेंटिंग को करियर के तौर पर चुनना उनके लिए एक कठिन निर्णय था. धीरे-धीरे सफलताएं मिलने पर लोगों ने उनकी प्रशंसा करनी शुरू कर दी. पेंटिंग में खासा खर्च भी आता है. ऐसे में गरीब परिवार से आनेवाले किसी भी कलाकर के लिए यह राह काफी कठिन रहती है. रेहान की सफलता देख गांव और आसपास के कुछ बच्चों ने भी पेंसिल, ब्रश उठाकर स्केचिंग और पेंटिंग करना शुरू कर दिया है.

भावनाओं को अभिव्यक्त करता है चित्रकारी

रेहान कहते हैं कि कला के विभिन्न रूपों में चित्रकारी कला का सूक्ष्मतम प्रकार है, जो रेखाओं और रंगों के माध्यम से मानव चिंतन और भावनाओं को अभिव्यक्त करता है. उनका यह भी कहना है कि जो बच्चों का ड्रीम हो, उसी में उसे आगे बढ़ने देना चाहिए. मेरे माता-पिता मुझे डॉक्टर-इंजीनियर बनाना चाहते थे, लेकिन मुझे चित्रकार बनना था.

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उन्होंने बताया कि शुरू में परिवार को भी पेंटिंग समझ से परे थी. सफलता मिलने के बाद परिवार और समाज में स्वीकार्यता बढ़ी. अपने ड्रीम को ही कैरिअर चुनने से सफलता तेजी से मिलती है. रेहान कहते हैं कि मेरा मानना है कि बच्चों को अपने हिसाब से लाइफ चुनने की आजादी होनी चाहिए. वह मानते हैं कि पेंटिंग मध्यम परिवार का शौक़ नहीं है.

यह काफी महंगी है. एक-एक मैटेरियल दस से पंद्रह हजार में आता है. उनका यह भी कहना है कि आर्थिक रूप से कमजोर प्रतिभाशाली बच्चों को पेंटिंग में हुनर दिखाने के लिए सरकार को मदद करनी चाहिए, ताकि हमारे बच्चे इस क्षेत्र में भी देश का नाम रौशन कर सकें.

रेहान बताते हैं कि वह कूची की जगह ज्यादातर हाथों से पेंटिंग बनाते हैं. हमारी चित्रकारी में चारकोल और वाटर कलर का समावेश है, लेकिन ब्लैक एंड व्हाइट को हम ज्यादा दिखाते हैं, क्योंकि इंसान की जिन्दगी में ब्लैक एंड व्हाइट ज्यादा मायने रखता है.