सत्रिया नृत्य: दामिनी की तरह दमकती हैं अरिशा शेख

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 12-05-2024
 Arisha Shaikh
Arisha Shaikh

 

मुकुट शर्मा / गुवाहाटी

असम की 17 वर्षीय प्रतिभाशाली नृत्यांगना अरिशा शेख दुनिया के विभिन्न हिस्सों में सत्रिया नृत्य को लोकप्रिय बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं. आम तौर पर लोगों के बीच यह मिथक और धारणा है कि मुस्लिम परिवारों की लड़कियां नृत्य नहीं करतीं. अरिशा के दृढ़ संकल्प और सफलता ने ऐसी धारणा को नकार दिया है.

सत्रिया नृत्य संगीत नाटक अकादमी द्वारा शास्त्रीय नृत्य के रूप में मान्यता प्राप्त आठ नृत्य शैलियों में से एक है. यह नृत्य शैली 15वीं शताब्दी से महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव द्वारा स्थापित सत्रों के माध्यम से असम में प्रचलित है.

सत्रिया नृत्य, भरतनाट्यम, बिहू नृत्य और अभिनय प्रतिभा से देश-विदेश में ख्याति अर्जित करने वाली 17 वर्षीय अरीशा शेख हालांकि सत्रिया नृत्य की पारंपरिक शैली और इसकी शुद्धता को आधुनिकीकरण एवं संवर्धन के नाम पर इसे कमजोर नहीं करना चाहतीं.

आवाज-द वॉयस असम के साथ एक साक्षात्कार में अरिशा शेख ने कहा, ‘‘सत्रिया नृत्य के भविष्य के लिए मेरी दृष्टि परंपरा के प्रति श्रद्धा और इसकी प्रामाणिकता के प्रति प्रतिबद्धता के इर्द-गिर्द घूमती है, क्योंकि हम सत्रिया के प्रिय कला रूप को सीमाओं से परे आगे बढ़ाना चाहते हैं. साथ ही इसकी प्रामाणिकता और परंपरा के पालन को दृढ़ता से बनाए रखना चाहते हैं. इसके अलावा, मेरा लक्ष्य ‘गुरू-शिष्य परंपरा’ की शाश्वत प्रथा के साथ-साथ ‘गुरू’ की उपाधि में निहित पवित्र कर्तव्य और श्रद्धा पर जोर देना है.

आज के परिदृश्य में, हम बिना पर्याप्त योग्यता या समझ के गुरू पद ग्रहण करने वाले व्यक्तियों की आमद देख रहे हैं. अपना डिप्लोमा पूरा करने और तकनीकी रूप से अपनी छात्र यात्रा समाप्त करने के बावजूद, मैं खुद को इस कला की जटिलताओं को जानने की शुरुआत के रूप में देखती हूं.

शिक्षण केवल प्रदर्शन प्रदर्शित करने के बारे में नहीं है, यह कला की उत्पत्ति की गहराई में जाने, भावी पीढ़ियों को हस्तांतरित करने की पेचीदगियों की गहन समझ हासिल करने के बारे में है.’’

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अरिशा शेख गुवाहाटी के अरमान शेख और अंजुमा शेख की सबसे छोटी बेटी हैं. वह वर्तमान में रॉयल ग्लोबल स्कूल, बेटकुची, गुवाहाटी में बारहवीं कक्षा की छात्रा हैं. नृत्य के प्रति उनका गहरा जुनून बहुत कम उम्र में ही दिखने लगा था. 15 अगस्त 2009 को प्राग चैनल पर प्रसारित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान कुछ नृत्य प्रस्तुतियों में भाग लेकर अरिशा ने अपनी प्रतिभा दिखाई. तब वह महज 3 साल की थीं.

बचपन से ही नृत्य के प्रति इस रुचि को देखते हुए अरीशा के माता-पिता ने उन्हें पद्मश्री इंदिरा पीपी बोरा के मार्गदर्शन में भरतनाट्यम सिखाना शुरू किया. अरिशा ने कहा, ‘‘मैंने 2011 में भरतनाट्यम सीखना शुरू किया, तब मैं 5 साल की थी. और जब मैं 7 साल की हुई, तब मैंने सत्रिया नृत्य सीखना शुरू कर दिया.

सत्रिया नृत्य के लिए, मैंने खुद को नर्तन कला निकेतन में नामांकित किया. मुझे संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता गुरु रामकृष्ण तालुकदार और उनकी पत्नी गुरु रूमी तालुकदार की देखरेख में सत्रिया नृत्य सीखने का सम्मान मिला.’’

दूरदर्शन केंद्र से सत्रिया नृत्य में बी-ग्रेड सर्टिफिकेट हासिल करने वाली अरिशा ने भारत भर के विभिन्न स्थानों जैसे मुंबई, पुरी, बैंगलोर और दिल्ली में अपने सत्रिया नृत्य से हजारों लोगों को मंत्रमुग्ध किया है. पिछले साल, अरिशा को केन्या के नैरोबी में राउंड स्क्वायर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस 2023 में प्रदर्शन करने का अवसर मिला था.

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यह पूछे जाने पर कि वह सत्रिया नृत्य के प्रति कैसे आकर्षित हुईं, अरीशा ने कहा, ‘‘सबसे पहले, मेरी मां ‘भोरताल’ प्रदर्शन से मंत्रमुग्ध हो गईं, तो उन्होंने मुझे सत्रिया सीखने के लिए नर्तन कला निकेतन में मेरा नामांकन कराने के लिए प्रेरित किया. मुझे इस कला के प्रति गहरा प्रेम विकसित होने में देर नहीं लगी. मूलभूत माटी-अखाड़े से लेकर जीवन के सार को प्रतिबिंबित करने वाली जटिल रचनाओं तक, मैं इस कला रूप की सुंदरता और गहराई से मंत्रमुग्ध हो गई हूं.’’

2023 में, अरिशा ने पाठशाला, बजाली में एक संस्कृति संगम में भाग लिया. वहां उन्होंने ‘अभिमन्यु वध’ नामक नाटक में द्रोणाचार्य की भूमिका निभाई और कला प्रेमियों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी.

उस शो के अनुभव के बारे में बताते हुए, अरीशा ने कहा, ‘‘शुरुआत में सप्तरथियों में से एक के रूप में चुने जाने के बाद, जब मेरे गुरू ने मुझे नृत्य नाटक “अभिमन्यु वध” में द्रोणाचार्य की भूमिका दी, तो मैंने खुद को बहुत सम्मानित महसूस किया. यह एक गहरा अनुभव था, जो चरित्र के मानस की गहराई में उतरता था, उसकी बुद्धिमत्ता और संघर्षों को दर्शाता था.

प्रत्येक चरण, प्रत्येक अभिव्यक्ति के साथ, मैंने मंच पर उनकी जटिलताओं को व्यक्त करने के लिए भावनाओं के भंडार से द्रोणाचार्य के सार में जीवन फूंकने का प्रयास किया. मेरे गुरू द्वारा मुझ पर दिखाए गए भरोसे ने चरित्र के साथ न्याय करने के मेरे दृढ़ संकल्प को प्रेरित किया और अथक समर्पण के माध्यम से, मैंने इस चित्रण को प्रस्तुत करने का प्रयास किया.’’

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नृत्य में अपने समर्पण और कड़ी मेहनत के लिए, अरिशा शेख ने भटकंडे, लखनऊ के तहत भरत नाट्यम में विशारद प्वाइंट 2 प्रमाणपत्र प्राप्त किया. कोलकाता में, अरिशा को भरत नाट्यम के प्रतिष्ठित प्रतिनिधि गुरु राम वैद्यनाथन के नेतृत्व में कार्यशालाओं में भाग लेकर अपने कौशल को और बेहतर बनाने का अवसर मिला.

अरिशा की प्रतिभा सत्रिया और भरत नाट्यम तक ही सीमित नहीं है. अरिशा ने एक डांस एक्सपर्ट के तौर पर भी नाम कमाया है. उनके पास पश्चिमी नृत्य में तीन साल का डिप्लोमा है और द डांस वर्क्स द्वारा प्रस्तावित पीडीसीपी कार्यक्रम में प्री-फाउंडेशन स्तर का प्रमाणन है. अरिशा को ‘मौ कुंवारी’ की उपाधि से सम्मानित किया गया है और उनके खूबसूरत बिहू नृत्य प्रदर्शन के लिए उन्हें कई प्रशंसाएं मिली हैं.

एक मुस्लिम परिवार में जन्मी अरिशा को सत्रिया और बिहू नृत्य और अभिनय में अपने करियर में कभी किसी बाधा या आलोचना का सामना नहीं करना पड़ा. उन्होंने बताया, ‘‘मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मेरा जन्म एक सुसंस्कृत परिवार में हुआ. मैंने बचपन से ही घर में कला और संस्कृति का माहौल देखा. जब मैं छोटा थी, तब मेरे माता-पिता ने मेरी प्रतिभा को पहचान लिया और उन्होंने मुझे नृत्य या अभिनय के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.’’

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22 मई को 18 साल की होने वाली अरिशा को नृत्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 2021 में रॉयल ग्लोबल स्कूल के टेलीग्राफ अवार्ड के लिए चुना गया है. वह दो बार आईआईडीएफ गुवाहाटी के फ्यूचर फेस अवार्ड के प्राप्तकर्ता भी थे. उन्हें एक बार 2019 में भरत नाट्यम के लिए और 2022 में सत्रिया नृत्य में उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया गया था.

अपने नृत्य कौशल के अलावा, अरिशा शेख ने गुवाहाटी आर्टिस्ट गिल्ड में ललित कला में तीन साल के व्यापक कार्यक्रम के माध्यम से अपने कलात्मक कौशल को निखारा है. उन्होंने प्रतिभाशाली अभिनेता बहारुल इस्लाम और अभिनेत्री भागीरथी बाई कदम के नेतृत्व में तीन महीने के पाठ्यक्रम में अपनी नाटकीय प्रतिभा को और निखारा.

कई टीवी धारावाहिकों से छोटे पर्दे पर शुरुआत करने वाली अरीशा ने लोकप्रिय गायिका कल्पना पटवारी के साथ ‘मोनिकट‘ नामक एल्बम में भी गाना गाया है.