60 Muslim students succeeded in BPSC, Nazneen Mustafa became officer through self study.
मोहम्मद अकरम / नई दिल्ली
बिहार लोक सेवा आयोग ने 67 वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम शनिवार को जारी कर दिया. जिसमें 799 छात्र छात्राएं कामयाब हुए हैं. टॉपर अमन आनंद रहे. इस बार बीपीएससी में सफल होने वाले मुस्लिम छात्रों की संख्या 60 है. इनमें से 43 ऐसे हैं, जिन्होंने हज भवन में सरकार की ओर से चलाए गए कोचिंग में तैयारी की. सीतामढ़ी जिसे के परिहार सिसवा गांव की रहने वाली नाजनीन ने सेल्फ स्टडी से कामयाबी हासिल की हैं. अब उनका ख्वाब यूपीएससी क्वालीफाई करना हैं.
बिहार राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष अल्हाजी अब्दुल हक की तरफ से जारी बयान के मुताबिक़ हज भवन के छात्र खालिद हयात फारसी साहित्य में चौथी रैंक हासिल कर पुलिस सेवा में टॉपर रहे हैं. हज भवन की हुमा इरफान, मोहम्मद फरीद अहमद, ज़ेबा अर्शी, शगुफ्ता परवीन उन शीर्ष उम्मीदवारों में शामिल हैं जिन्हें बिहार प्रशासनिक सेवा के लिए चुना गया है.
इसके अलावा 3 उम्मीदवार बिहार पुलिस सेवा (बिहार पुलिस सेवा) डी. एसपी पद पर कामयाब हुए है. इनके नाम खालिद हयात, मुहम्मद फैसल चांद और अब्दुल रहमान हैं. बिहार वित्त सेवा में ग्रामीण विकास पदाधिकारी के पद पर मोहम्मद सोहेब जमां, श्रमिक पद पर फैजान अहमद, मोहसिन खान, शाकिब अहमद, जावेद अख्तर, मोहम्मद शेख आलम, मोहम्मद सदरुल हसन, आकिब मुख्तार, दानिश अहमद, मोहम्मद मुस्लेहुद्दीन, बुशरा नावेद, प्रवर्तन अधिकारी के पद पर मोहम्मद अली, हामिद गफूर, नूर परवीन और सीमा नाज, आपूर्ति निरीक्षक के पद पर गुलाम अली हुसैन, ब्लॉक एससी और एसटी कल्याण अधिकारी के पद पर मोहम्मद अरशद नदीम, नाहर आफरीन, नगरपालिका कार्यकारी अधिकारी के पद पर करीमा फिरदौस, इनायतुल्लाह रफी. मोहम्मद शाहिद, मोहम्मद शाहनवाज रजा, सीमाब मतीन, जबी हयात और अरशद इमाम को प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी के रूप में कामयाब हुए हैं.
राज्य के सीतामढ़ी जिले के परिहार प्रखंड के सिसवा गांव की रहने वाली नाजनीन मुस्तफा ने 877 वां रैंक हासिल कर EBC Welfare officer (बीसी और ईबीसी कल्याण विभाग) चयनित हुई हैं. नाजनीन मुस्तफा के पिता मोहम्मद मुस्तफा आलम मिडिल स्कूल परिहार के सहायक शिक्षक के पद पर हैं. नाजनीन पांच बहन में दूसरे नम्बर पर है.
नाजनीन मुस्तफा ने आवाज द वाइस से फोन पर बात करते हुए बताया कि मेरी शुरुआती शिक्षा घर पर हुई, मैंट्रिक की परीक्षा 2013 में स्थानीय स्कूल से पास करने के बाद से ही बीपीएससी के बारे में सुना तो इस की तैयारी मन लग गई, सेल्फ स्टडी से पढ़ाई की, कुछ दिन पटना में रही लेकिन मोबाइल के सकारात्मक प्रयोग और स्टडी से यहां पहुंची हूं.
यहां तक पहुंचने का स्नेह नाजनीन ने अपने माता पिता और भाई को देते हुए बताया कि मैट्रिक परीक्षा के बाद जब उच्च शिक्षा के लिए मैं जब घर से निकली तो लोगों के ताने सुनने पड़े लेकिन मैं हार नहीं मानी और घर से निकल कर ग्रेजुएशन पास की. उसके बाद सेल्फ स्टडी से घर पर ही पढ़ाई की.
नाजनीन ने कहा कि गांव देहात में बहुत सी लड़कियां उच्च शिक्षा हासिल करना चाहती हैं, उनके भी ख्वाब होते हैं लेकिन सभी मार्गदर्शन नहीं मिलने के कारण वह ख्वाब को पूरा नहीं कर पाती हैं. ऐसे में वह मौजूदा समय में इंटरनेट का सहारे से मंजिल की तरफ बढ़ सकती हैं.