अभिनव विचार: वैक्यूम सुखाने की तकनीक को मिली मान्यता
डॉ. फैज़ान को यह पुरस्कार उनके अभिनव विचार – "वैक्यूम सुखाने की तकनीक" के प्रस्तुतीकरण के लिए प्रदान किया गया। यह तकनीक कृषि उत्पादों को प्रसंस्करण के बाद सुरक्षित और पोषणयुक्त बनाए रखने की दिशा में एक उल्लेखनीय प्रयास है. यह विचार न केवल खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने में सहायक है, बल्कि सतत विकास के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग पर शोधपत्र की प्रस्तुति
सम्मेलन में डॉ. फैज़ान ने "नीम के पत्तों के अर्क के साथ नींबू के छिलके के पेक्टिन और चिटोसन का उपयोग करके बायोडिग्रेडेबल खाद्य पैकेजिंग फिल्मों का विकास और खुबानी फल पर इसका अनुप्रयोग" शीर्षक से अपना शोधपत्र भी प्रस्तुत किया.
इस शोध में उन्होंने प्लास्टिक पैकेजिंग के पर्यावरणीय दुष्प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित किया और प्राकृतिक विकल्पों के रूप में बायोडिग्रेडेबल फिल्मों की महत्ता पर प्रकाश डाला.
डॉ. फैज़ान के अनुसार, नीम के पत्तों के अर्क में जीवाणुनाशक गुण होते हैं, जबकि नींबू के छिलके में पाया जाने वाला पेक्टिन और चिटोसन जैसे तत्व फिल्मों को मजबूती और लचीलापन प्रदान करते हैं.
इन सामग्रियों का उपयोग करके तैयार की गई फिल्में न केवल पर्यावरण के अनुकूल होती हैं, बल्कि खाद्य पदार्थों को अधिक समय तक ताज़ा रखने में भी सहायक सिद्ध होती हैं. उन्होंने खुबानी जैसे फलों पर इन फिल्मों के व्यावहारिक प्रयोगों का उल्लेख किया, जिससे इसके व्यावसायिक उपयोग की संभावनाएं प्रबल होती हैं.
विभागीय सराहना और भावी दिशा
पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो. ज़ेड. आर. अज़ाज अहमद आज़ाद ने डॉ. फैज़ान अहमद को प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने पर हार्दिक बधाई दी.
उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि न केवल विभाग बल्कि पूरे विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है. प्रो. आज़ाद ने आशा व्यक्त की कि डॉ. फैज़ान का यह नवाचार आगे चलकर भारतीय कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए एक मार्गदर्शक सिद्ध होगा.
नवाचार और सतत विकास की दिशा में कदम
डॉ. फैज़ान अहमद की यह उपलब्धि एक बार फिर यह सिद्ध करती है कि AMU जैसे शैक्षणिक संस्थान न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं, बल्कि अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं.
बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग, वैक्यूम तकनीक और सतत कृषि समाधान जैसे विषयों पर डॉ. फैज़ान का कार्य देश की खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण योगदान देता है.
इस राष्ट्रीय मंच पर AMU की उपस्थिति और डॉ. फैज़ान की सफलता विश्वविद्यालय की शोध संस्कृति और अकादमिक समर्पण को प्रमाणित करती है. आने वाले समय में, उनके शोध कार्यों के व्यावसायिक और सामाजिक उपयोग को लेकर भी व्यापक संभावनाएं बन रही हैं.