4G-5G से कहीं बड़े हैं माता G और पिता G: मुकेश अंबानी की युवाओं को नसीहत

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 25-11-2022
4G-5G से कहीं बड़े हैं माता G और पिता G: मुकेश अंबानी की युवाओं को नसीहत
4G-5G से कहीं बड़े हैं माता G और पिता G: मुकेश अंबानी की युवाओं को नसीहत

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 
 
मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने देश के टेलिकॉम सेक्टर में 4जी और 5जी की शुरुआत की थी. इससे देश में डेटा की खपत में कई गुना बढ़ोतरी हुई है. लेकिन अंबानी ने 4जी और 5जी के पीछे भाग रहे युवाओं को एक नसीहत दी.

उनका कहना है कि देश के युवा 4जी और 5जी को लेकर उत्साहित हैं लेकिन उन्हें यह याद रखना चाहिए कि इस दुनिया में माताजी और पिताजी से बड़ा कोई 'जी' नहीं है. युवाओं को अपने माता-पिता के संघर्ष और त्याग को नहीं भूलना चाहिए.
 
उन्होंने साथ ही कहा कि 2047 तक भारत 40 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बन जाएगा और दुनिया की तीन टॉप इकॉनमी में शामिल होगा. क्लीन एनर्जी रिवोल्यूशन, बायो एनर्जी रिवोल्यूशन और डिजिटल रिवोल्यूशन आने वाले वर्षों में भारत की आर्थिक प्रगति के लिए गेम चेंजर साबित होंगे.
 
देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने पंडित दीनदयाल एनर्जी यूनिवर्सिटी के 10वें दीक्षांत समारोह में कहा, आज आपका दिन है. लेकिन आपके माता-पिता ने इस दिन का बेसब्री से इंतजार किया है. यह उनका जीवनभर का सपना रहा है. उन्हें संघर्ष और त्याग को कभी मत भूलना. आपकी सफलता में उनका असीम योगदान है. आज के युवा 4जी और 5जी को लेकर उत्साहित हैं. लेकिन माताजी और पिताजी से बड़ा कोई 'जी' नहीं है.
 
भारत का अमृत काल
 
अंबानी ने कहा कि यह बैच ऐसे साल में ग्रेजुएट हो रहा है जब भारत के अमृत काल की शुरुआत हो रही है. हमारी परंपरा में अमृत काल को किसी भी नए काम की शुरुआत के लिए शुभ माना जाता है. अमृत काल में भारत में अभूतपूर्व आर्थिक विकास देखने को मिलेगा और अवसरों की बाढ़ आ जाएगी.
 
अभी भारत की इकॉनमी तीन ट्रिलियन डॉलर की है जो 2047 तक 40 ट्रिलियन डॉलर पहुंच जाएगी. इस तरह भारत दुनिया की तीन शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा.
 
अंबानी ने कहा कि क्लीन एनर्जी रिवोल्यूशन और बायो-एनर्जी रिवोल्यूशन से सस्टेनेबल एनर्जी मिलेगी जबकि डिजिटल रिवोल्यूशन से हमें एनर्जी को सुगम तरीके से कंज्यूम करने में मदद मिलेगी. इनसे भारत और दुनिया को इस खूबसूरत ग्रह को क्लाइमेट क्राइसिस से बचाने में मदद मिलेगी. एआई, रोबोटिक्स और आईओटी जैसी टेक्नीक्स से आमूलचूल बदलाव होगा. हमें इन्हें अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना चाहिए.