AMU के पूर्व छात्र ने रचा इतिहास: अमन आलम बने रॉयल एशियाटिक सोसाइटी के फेलो

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 27-12-2025
AMU alumnus makes history: Aman Alam becomes a Fellow of the Royal Asiatic Society.
AMU alumnus makes history: Aman Alam becomes a Fellow of the Royal Asiatic Society.

 

अलीगढ़ 

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के लिए यह गर्व का क्षण है कि उसके पूर्व छात्र अमन आलम को ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की प्रतिष्ठित Royal Asiatic Society (RAS) का फेलो चुना गया है। वर्ष 1823 में स्थापित यह संस्था दुनिया की सबसे पुरानी और सम्मानित शैक्षणिक संस्थाओं में गिनी जाती है, जो एशियाई इतिहास, साहित्य और संस्कृति के अध्ययन में वैश्विक योगदान के लिए जानी जाती है।

अमन आलम की यह उपलब्धि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर के चुनिंदा विद्वानों और शोधकर्ताओं की विशिष्ट श्रेणी में स्थापित करती है। रॉयल एशियाटिक सोसाइटी के फेलोशिप इतिहास में पहले भी कई महान हस्तियां शामिल रही हैं, जिनमें रवींद्रनाथ टैगोर, राजा राममोहन राय, सर सैयद अहमद ख़ान, लॉर्ड नॉर्थब्रुक, लॉर्ड विलिंगडन, सर मैल्कम हैली, सर डब्ल्यू.डब्ल्यू. हंटर, सर रिचर्ड बर्टन और प्रसिद्ध इतिहासकार विलियम डेलरिम्पल जैसे नाम शामिल हैं। यह सूची स्वयं इस फेलोशिप की वैश्विक प्रतिष्ठा को दर्शाती है।

25 वर्षीय अमन आलम वर्तमान में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता हैं और इंग्लैंड में बैरिस्टर कोर्स कर रहे हैं। वे उत्तर प्रदेश के बदायूं से ताल्लुक रखते हैं और सातवीं पीढ़ी के वकील हैं। AMU से वे चौथी पीढ़ी के लॉ ग्रेजुएट हैं। उन्होंने 2022 में AMU से बीएएलएलबी (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने एक सुप्रीम कोर्ट जज के साथ रिसर्च एसोसिएट के रूप में भी कार्य किया। अमन आलम को सुप्रीम कोर्ट में सबसे कम उम्र में स्टैंडिंग काउंसल और एमिकस क्यूरी नियुक्त होने का गौरव भी प्राप्त है।

इस उपलब्धि को और भी ऐतिहासिक बनाती है एक दुर्लभ संयोग—अमन आलम के परदादा, मौलवी मोहम्मद हुजूर आलम, जो स्वयं AMU के पूर्व छात्र और AMU राइडिंग क्लब के पूर्व कप्तान थे, उन्हें लगभग एक सदी पहले यानी 1923 के आसपास रॉयल एशियाटिक सोसाइटी का फेलो चुना गया था। इस तरह अमन आलम का चयन न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि AMU की एक सदी पुरानी बौद्धिक विरासत को पुनर्जीवित करने वाला क्षण भी है।

अमन आलम की यह सफलता अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और उसके वैश्विक पूर्व छात्र समुदाय के लिए सम्मान और प्रेरणा का स्रोत मानी जा रही है।