श्रीनगर
मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ टीचर एजुकेशन (CTE), श्रीनगर में 23 दिसंबर 2025 को “प्रथम राष्ट्रीय एलुमनी सम्मेलन–2025” का सफल आयोजन किया गया। सम्मेलन की थीम “21वीं सदी में करियर यात्राएं और सफलता के मार्ग” रही, जिसमें देशभर से पूर्व छात्र, शिक्षक और वर्तमान विद्यार्थी एक मंच पर एकत्र हुए। यह आयोजन उपलब्धियों, मार्गदर्शन और संस्थागत विरासत के उत्सव के रूप में यादगार साबित हुआ।
सम्मेलन की अध्यक्षता CTE श्रीनगर के प्राचार्य डॉ. मोहम्मद शकील ने की। उन्होंने करियर को प्रेरणा की उपज बताते हुए शिक्षकों को “मशालवाहक” कहा, जो छात्रों के लिए सफलता का रास्ता रोशन करते हैं। डॉ. शकील ने इस आयोजन के लिए MANUU के कुलपति प्रो. सैयद ऐनुल हसन, रजिस्ट्रार प्रो. इश्तियाक अहमद और स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग की डीन प्रो. एम. वनजा के सहयोग के प्रति आभार जताया।
विशेष संबोधन में ASCW बडगाम की प्राचार्या डॉ. रैहाना मलिक ने प्रतिभागियों को प्रेरित किया और जम्मू-कश्मीर में MANUU के विभिन्न संस्थानों व उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला। वहीं प्रो. बिलाल रफ़ीक शाह ने MANUU में नामांकन बढ़ाने और विश्वविद्यालय के विस्तार पर जोर दिया। कोलकाता क्षेत्रीय केंद्र के निदेशक प्रो. डॉ. रफीद अली ने ऑनलाइन संवाद के माध्यम से CTE श्रीनगर से अपने गहरे जुड़ाव को साझा किया।
सम्मेलन समन्वयक और सहायक प्रोफेसर मोहम्मद जाबिर ने स्वागत भाषण देते हुए 21वीं सदी के करियर को “निरंतर विकास की मैराथन” बताया और छात्रों से लचीला दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया।
एलुमनी संवाद सत्र में 30 से अधिक सफल पूर्व छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए, जिनमें जम्मू-कश्मीर के स्कूल शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा और देश के अन्य क्षेत्रों से जुड़े पेशेवर शामिल थे। इस अवसर पर तीन पीएचडी शोधार्थियों—डॉ. असमा आरा, डॉ. असमा गुल और डॉ. नजमुस सहर—को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
सम्मेलन का समापन सह-समन्वयक डॉ. फातिमा ज़हरा के धन्यवाद ज्ञापन और खुले संवाद के साथ हुआ, जिसने MANUU CTE श्रीनगर में एलुमनी–शिक्षक संबंधों की मजबूती को एक बार फिर रेखांकित किया।






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