बुशरा को विज्ञान-कविता के लिए मिला कलाम पुरस्कार

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 17-02-2021
बुशरा निदा
बुशरा निदा

 

 

साजिद रसूल

तत्वों की आवर्त सारणी (पीरियोडिक टेबल) से तत्वों के बारे में जानना-समझना रसायन विज्ञान के छात्रों के लिए एक बुरे सपने जैसा होता है. लेकिन यही बात आप बुशरा निदा से पूछें, तो वे इसे बहुत आसानी से समझने का तरीका बता देती हैं.

बुशरा के कहने, बताने और समझाने का कवितामयी तरीका है. बानगी देखिए. आवर्त सारणी तत्वों को सूचीबद्ध करती हैं. हीलियम के बारे में उनकी एक कविता है. यह एक जैसी गैस है, जो आवर्त सारणी में दो नंबर पर रखी गई है.

अपनी पुस्तक ‘द डेवी’ के लिए उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय कलाम गोल्डन अवार्ड जीता है. वे ‘द डेवी’  में हीलियम के बारे में लिखती हैं:

हीलियम

यहां हीलियम खड़ी है

आज इस पोडियम को तोड़ने जा रहे हैं.

ऊपर, बिना आपके मैं दूसरे नंबर पर हूं.

पेरी जॉनसन द्वारा पहली बार देखी गई, 

सूर्य से पीली लाइन स्पेक्ट्रा-लाइन.

मैं हाइड्रोजन की तरह सरल हूं

लेकिन जब मुझे जलन होती है, तो मैं अपनों को छोड़ देती हूं

और नए स्वर में बदल जाती हूं

खुद का रंग बदलकर.

मैं सार्वभौमिक हूं, मैं बहुत अच्छी तरह से उड़ती हूं

अगर मैं संयोग से सूंघ ली गई

मैं आपकी आवाज की पिच बदल सकती हूं.

मेरे पास भी कई गुण हैं

मैं गुब्बारे, हवाई जहाज... उडाती हूं.

कौन हैं बुशरा निदा

वे दक्षिण कश्मीर के कुलगाम स्थित कनीपोरा गांव की युवा लेखिका हैं. उन्होंने अपनी पुस्तक ‘द डेवी’ में विज्ञान की शिक्षा इतने मनोरंजक ढंग से दी है, जिसे ‘अंतर्राष्ट्रीय कलाम गोल्डन अवार्ड’ के लिए सर्वश्रेष्ठ लेखक की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टि के रूप में चुना गया है और से 21फरवरी को चेन्नई में प्रस्तुत किया जाएगा.

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बुशरा निदा अवार्ड के साथ


फोन पर ‘आवाज-द वॉयस’ के साथ बात करते हुए बुशरा ने बताया कि वे पुरस्कार की कन्फर्मेशन आने पर खुश हैं. उन्होंने कहा, “मैं इस समय चेन्नई की यात्रा करने में असमर्थ हूं, इसलिए वे मेरा अवार्ड मुझे डाक द्वारा भेजने के लिए सहमत हो गए हैं.”

कलाम गोल्डन अवार्ड्स

चेन्नई स्थित एक एनजीओ द्वारा पूर्व भारतीय राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर ‘कलाम गोल्डन अवार्ड्स’ शुरू किया गया है. इन पुरस्कारों के वितरण के पीछे का लक्ष्य विज्ञान में रचनात्मक विचारों वाले युवकों और युवतियों को प्रोत्साहित करना है.

पिता को कुछ कर दिखाना चाहती थी

बुशरा 12वीं कक्षा में पढ़ती हैं और डॉक्टर बनने की तैयारी कर रही हैं. उनकी पहली पुस्तक ‘ट्यूलिप ऑफ इमोशंस’ उनकी निजी शोक और आनंद से जुड़ी कहानियों पर आधारित थी. उन्होंने बताया, “मेरे पिता को लीवर सिरोसिस बताया गया था और मुझे पता था कि उनके पास बहुत कम समय है.”

वे जानती थीं कि उनके पिता अब लंबे समय तक उनके साथ नहीं रहने वाले. इसलिए वे उन्हें खुश रखना और गौरवान्वित महसूस करवाना चाहती थीं. इसी का परिणाम उनकी पहली पुस्तक थी, जो स्थानीय स्तर पर प्रकाशित हुई थी.

उस रात मैंने सपना देखा

हालांकि, उनके लिए दूसरी पुस्तक लिखना आसान नहीं था. उनके पिता के निधन के बाद, उनकी मां और उनकी दो बेटियां रुपए-पैसे की तंगी से जूझ रही थीं. पिता के खोने पर वे भावनात्मक रूप से भी परेशान थीं. उसी समय, उनकी मां ने उन्हें विज्ञान पर कुछ लिखने के लिए कहा.

उन्होंने बताया, “उस रात मैंने एक सपना देखा और मुझे एक विचार सूझा कि मुझे क्या लिखना चाहिए.”

तत्व को किसी आदमी की तरह पेश किया

उन्होंने कहा कि छात्र आमतौर पर आवर्त सारणी में वर्णित तत्वों के गुणों को याद करने और सीखने से डरते हैं. इसलिए उन्होंने कल्पना की कि प्रत्येक तत्व एक व्यक्ति है और उसका अपना एक व्यक्तित्व है. इस तरह उन्होंने इस पुस्तक में शुरुआती 36 तत्वों के बारे में लिखा है.

कविताएं विज्ञान को आसान बनाएंगी

बुशरा ने अवाज-द वॉयस को बताया, “मुझे विज्ञान के विषयों पर लिखना और अपने ज्ञान को परखना पसंद है. मैं वैज्ञानिक ज्ञान में योगदान के लिए बहुत उत्साहित हूं. मुझे यकीन है कि लोगों को मेरी कविताओं से विज्ञान के जटिल विषयों को समझने में आसानी होगी और ये समाज को लाभ पहुंचाएंगी.

मुझे मेरी मां ने जगाया

उन्होंने कहा, “मेरी मां ने हमें जीवन में हर प्रोत्साहन दिया और किसी भी चीज की कमी नहीं होने दी - मेरी मां ने एक बार मेरी रचनात्मकता की प्रशंसा की थी, वे पिता की मृत्यु के बाद चुप रहने लगी थीं. उन्होंने मुझे जगाया और मुझे फिर से लिखने के लिए तैयार किया.”

इससे पहले, बुशरा की बड़ी बहन साइमा ने आवाज-द वॉयस से कहा, “हम सभी बहुत खुश हैं कि बुशरा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के लिए नामित किया गया है.”

अब ब्रह्मांड में पदार्थ और ऊर्जा की बारी है

बुशरा आवर्त सारणी में बाकी तत्वों पर एक और पुस्तक लिखने की योजना बना रही हैं.

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प्रसिद्ध सूत्र ‘ई = एमसी 2 स्क्वायर’ 


उनकी अगली पुस्तक का नाम ई = एमसी 2 स्क्वायर (E=mc2 square) है, जो ब्रह्मांड में पदार्थ और ऊर्जा के बीच संबंधों की गणना करने का प्रसिद्ध सूत्र है.