डॉ फरहाना रहमान : मेवात की पहली बेटी बनीं असिस्टेंट प्रोफेसर

Story by  यूनुस अल्वी | Published by  [email protected] | Date 20-11-2021
 डॉ फरहाना रहमान परिवार के साथ, फाइल फोटो
डॉ फरहाना रहमान परिवार के साथ, फाइल फोटो

 

यूनुस अल्वी/  नूंह ( हरियाणा )
 
हरियाणा के सबसे पिछड़े मेवात क्षेत्र की एक और लड़की ने बड़ी लकीर खिंची है. यहां की डॉ फरहाना रहमान गुरुग्राम यूनिवर्सिटी के लॉ डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर नियुक्त हुई हैं. इस ओहदे तक पहुंचने वाली पहली मेव मुस्लिम लड़की हैं. उनके चयन से मेवात के लोग बेहद खुश हैं. इससे निश्चित ही मेवात की लड़कियों का हौंसला बढ़ेगा.

डॉ फरहाना ने बताया कि वो अपने चयन से बहुत उत्साहित हैं. इसका श्रेय अपने पिता डॉ बदरुद्दीन बदर को देती हैं. इनके पिता एमडी यूनिवर्सिटी रोहतक के लॉ डिपार्टमेंट में डीन हैं. ससुर डॉ अब्दुल रहमान खान जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी हैं, जबकि पति आफताब रहमान एसडीओ.
 
उन्होंने बताया कि उनके मां बाप शुरू से पढ़ाई में कुछ बेहतर करने को उन्हें प्रेरित करते रहे. इनके एक चाचा डॉ माजिद हरियाणा में सेशन जज हैं, जबकि दूसरी चाचा दिल्ली में जज हैं. उन्होंने ही लाॅ में कुछ बेहतर करने को प्रोत्साहित किया. तब से वह कानून की पढ़ाई में लगी हुई थीं.
 
शादी के बाद उनके पति आफताब रहमान व ससुर डॉ अब्दुल रहमान खान ने उनके सपने को मरने नहीं दिया. डॉ अब्दुल रहमान खान मेवात के पहले मेव जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी हैं. शिक्षा के क्षेत्र में उनका सराहनीय योगदान रहा है. डॉ अब्दुल रहमान के बड़े बेटे आफताब एसडीओ तो छोटा बेटा एमबीबीएस कर रहा है.
 
इनकी दो बेटियां भी डॉक्टरी पढ़ रही है. इस तरह डॉ फरहाना को मायका और ससुराल दोनों जगह शिक्षा को आगे जारी रखने का माहौल मिला.डॉ फरहाना ने एलएलबी महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक से की है तथा एलएलएम भगत फूल सिंह विश्वविद्यालय खानपुर कलां से. पीएचडी की डिग्री एम डी यूनिवर्सिटी रोहतक से मिली है.
 
मेवात की बेटियों के संदर्भ में  डॉ फरहाना कहती हैं, गरीबी और बदहाली से उबारने का शिक्षा ही एकमात्र साधन है. इसलिए मेवात की बेटियों को शिक्षा का तोहफा जरूर दें.उन्होंने कहा कि वह कानून की प्रोफेसर हैं इसलिए मेवात की महिलाओं को उनका हक दिलाने का काम करेंगी. मेवात में शिक्षा को बढ़ावा देने का भी उनका प्रयास होगा.