ढाका
2016 के ढाका होली आर्टिजन बेकरी आतंकी हमले के बाद शेख हसीना सरकार ने जाकिर नाइक के पीस टीवी पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह फैसला तब लिया गया जब एक हमलावर ने कबूल किया कि वह और उसके साथी नाइक के कट्टर भाषणों से प्रभावित थे।
अब, नौ साल बाद, बांग्लादेश की नई सरकार — जिसे प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस नेतृत्व दे रहे हैं — जाकिर नाइक का स्वागत करने की तैयारी में है। यह निर्णय बांग्लादेश में शेख हसीना की सत्ता से बेदखली के बाद बढ़ती कट्टरपंथी प्रवृत्ति को दिखाता है। यूनुस सरकार ने नाइक को एक महीने के दौरे की अनुमति दी है, जो 28 नवंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान वह देशभर में घूमकर भाषण देंगे।
जाकिर नाइक अपने कट्टर और भड़काऊ भाषणों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कई बार उग्र इस्लामी विचारों का प्रचार किया है और खुले तौर पर कई आतंकी संगठनों का समर्थन भी किया है। भारत में उनके खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कई मामले दर्ज किए हैं, जिनमें नफरत फैलाने और सांप्रदायिक वैमनस्य भड़काने के आरोप शामिल हैं।
यह दौरा नाइक का बांग्लादेश का पहला दौरा होगा। इससे पहले, पिछले साल वह पाकिस्तान के दौरे पर गए थे, जहाँ उनका भव्य स्वागत किया गया था। उस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के शीर्ष नेताओं और अधिकारियों से मुलाकात की थी।
अधिकारियों के मुताबिक, नाइक अपने भाषणों में अक्सर भारत-विरोधी विचार रखते हैं। भारत में रहते हुए उन्होंने अपने एनजीओ के ज़रिए कई भारत-विरोधी गतिविधियाँ चलाईं। उनका नाम केरल में जबरन धर्मांतरण के कई मामलों में भी सामने आया था, जिनका संबंध प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से था।
उनका यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब भारतीय एजेंसियाँ बांग्लादेश में बढ़ते कट्टरपंथ पर चिंता जता रही हैं। यूनुस सरकार, जिसे जमात-ए-इस्लामी का समर्थक बताया जा रहा है, ने कई आतंकवादियों को रिहा किया है और उग्रवाद को बढ़ावा दिया है। कहा जा रहा है कि उसने आईएसआई (ISI) को भी देश में खुली छूट दी है, जो बांग्लादेश से भारत-विरोधी गतिविधियाँ चला रही है।
विश्लेषकों का कहना है कि नाइक का यह दौरा सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। अपने एक महीने के दौरे में नाइक कई जगहों पर जाकर उग्र इस्लामी विचारधारा पर भाषण देंगे। अगर पाकिस्तान दौरे की तरह ही यह यात्रा रही, तो संभव है कि वह आतंकी संगठनों के नेताओं से भी मुलाकात करें। पाकिस्तान में उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडरों — मुज़म्मिल इकबाल हाशमी, मुहम्मद हारिस धर और फैसल नदीम — से मुलाकात की थी, जिन्हें अमेरिका 2008 से आतंकवादी घोषित कर चुका है।
ऐसा माना जा रहा है कि बांग्लादेश दौरे में भी वे हरकत-उल-जिहादी-इस्लामी (HuJI) और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) जैसे आतंकी संगठनों के नेताओं से मिल सकते हैं। ये वही संगठन हैं जिनका इस्तेमाल आईएसआई भारत में आतंकी गतिविधियाँ फैलाने के लिए करता है। बताया जा रहा है कि आईएसआई ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के वरिष्ठ आतंकियों को बांग्लादेश भेजा है ताकि वे वहां के आतंकियों को ट्रेनिंग दे सकें।
नाइक की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब बांग्लादेश से भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की साजिशें बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा इन गतिविधियों को और बढ़ावा दे सकता है।
2016 के ढाका हमले के बाद नाइक भारत से भाग गए थे। उस हमले के एक आरोपी ने बताया था कि वह नाइक के यूट्यूब भाषणों से प्रेरित था। वर्तमान में नाइक मलेशिया में रहते हैं और उन्हें ब्रिटेन व कनाडा ने वीज़ा देने से मना कर दिया है।
अपने पीस टीवी के ज़रिए नाइक उग्र इस्लामी विचारों का प्रसार करते हैं। उन्होंने उर्दू और बांग्ला में भी चैनल शुरू किए हैं। नाइक वही व्यक्ति हैं जिन्होंने एक बार कहा था —
“अगर ओसामा बिन लादेन इस्लाम के दुश्मनों से लड़ रहा है, तो मैं उसके साथ हूँ। अगर वह अमेरिका, जो सबसे बड़ा आतंकवादी है, को डराता है, तो मैं उसके साथ हूँ। हर मुसलमान को आतंकवादी होना चाहिए।”
हालाँकि बाद में उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत उद्धृत (misquoted) किया गया था।