गाज़ा में संघर्षविराम के लिए विटकॉफ़ की मिडल ईस्ट यात्रा की योजना, अमेरिकी विदेश विभाग का बयान

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 23-07-2025
Witkoff plans Middle East visit to push for ceasefire in Gaza, US State Department statement
Witkoff plans Middle East visit to push for ceasefire in Gaza, US State Department statement

 

वॉशिंगटन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ़ पश्चिम एशिया का दौरा करने की तैयारी में हैं। यह दौरा गाज़ा में इजराइल और हमास के बीच संघर्षविराम समझौते को आगे बढ़ाने के अमेरिकी प्रयासों का हिस्सा है। मंगलवार को यह जानकारी अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने दी।

ब्रूस ने संवाददाताओं से कहा,
“विटकॉफ़ इस क्षेत्र में इस मजबूत उम्मीद के साथ जा रहे हैं कि अमेरिका संघर्षविराम समझौता कराने के साथ-साथ एक नया मानवीय गलियारा (ह्यूमेनिटेरियन कॉरिडोर) स्थापित करने में सफल होगा। हम आशा करते हैं कि जल्द कुछ अच्छी खबर मिल सकती है, लेकिन जैसा कि हम जानते हैं, यह स्थिति तेजी से बदल भी सकती है।”

हालांकि, प्रवक्ता ने यह नहीं बताया कि विटकॉफ़ किन देशों का दौरा करेंगे और वहां उनका क्या कार्यक्रम होगा।

यूरोप यात्रा और गाज़ा एजेंडा

तीन अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, विटकॉफ़ इस हफ्ते यूरोप भी जाएंगे जहां गाज़ा और संघर्षविराम से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी। लेकिन मिडल ईस्ट में उनकी यात्रा के ठिकानों और समय को लेकर कोई विस्तृत जानकारी साझा नहीं की गई। ये अधिकारी मीडिया में बयान देने के लिए अधिकृत नहीं थे और उन्होंने गुमनाम रहकर जानकारी दी।

विदेश विभाग ने भी विटकॉफ़ की यात्रा के शेड्यूल पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

गाज़ा में बिगड़ते हालात

पिछले 21 महीनों से चल रहे युद्ध के बीच गाज़ा की स्थिति और खराब होती जा रही है। रविवार को खाद्य सहायता पाने के लिए जुटी भीड़ पर हुई हिंसा में कम से कम 85 फिलिस्तीनियों की मौत हुई, जो अब तक का सबसे घातक दिन रहा।

इजराइली सेना ने कहा है कि उसने चेतावनी स्वरूप फायरिंग की थी, लेकिन मौतों की संख्या को "काफी बढ़ा-चढ़ाकर" बताया जा रहा है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एजेंसी ने आरोप लगाया कि इजराइली बलों ने सहायता पाने की कोशिश कर रहे फिलिस्तीनियों पर गोलीबारी की।

ब्रूस ने इस घटना पर कहा,
“यह पूरी तरह भयावह है और यही वजह है कि अमेरिका संघर्षविराम की शर्तों के तहत एक नया मानवीय गलियारा खोलने पर जोर दे रहा है।”

संघर्षविराम वार्ता में गतिरोध

कतर में हफ्तों से चल रही बातचीत में कुछ छोटे संकेत मिले हैं, लेकिन कोई बड़ा ब्रेकथ्रू नहीं हुआ है। सबसे बड़ी अड़चन संघर्षविराम के बाद इजराइली सैनिकों की पुनः तैनाती को लेकर है।

अमेरिकी योजना के तहत 60 दिनों का संघर्षविराम प्रस्तावित है। इसमें हमास कुछ बंधकों को रिहा करेगा, इजराइल कुछ फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा और गाज़ा में बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता पहुंचाने की अनुमति दी जाएगी। इन 60 दिनों के दौरान युद्ध को स्थायी रूप से खत्म करने पर वार्ता भी शुरू होगी।

नेतन्याहू और हमास की शर्तें

इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की है कि युद्ध तब तक जारी रहेगा जब तक हमास सत्ता नहीं छोड़ता और पूरी तरह निरस्त्र नहीं हो जाता। दूसरी ओर, हमास का कहना है कि वह सभी बंधकों को युद्ध समाप्त होने से पहले रिहा नहीं करेगा। हमास को यह भरोसा भी चाहिए कि नेतन्याहू 60 दिनों के बाद फिर युद्ध नहीं शुरू करेंगे, जैसा कि मार्च में पहले संघर्षविराम के बाद हुआ था।

इस समय हमास के पास 50 बंधक हैं, जिनमें से 20 के जिंदा होने की संभावना जताई गई है।