ट्रंप का दावा – भारत-पाकिस्तान युद्ध को रोका, स्थिति परमाणु टकराव तक जा सकती थी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 23-07-2025
Trump claims – India-Pakistan war was prevented, situation could have led to nuclear conflict
Trump claims – India-Pakistan war was prevented, situation could have led to nuclear conflict

 

न्यूयॉर्क/वॉशिंगटन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि हालिया भारत-पाकिस्तान संघर्ष को उन्होंने रोका, जो उनके मुताबिक "संभवत: परमाणु युद्ध में बदल सकता था"। ट्रंप ने यह भी कहा कि इस संघर्ष के दौरान पाँच विमान मार गिराए गए थे।

व्हाइट हाउस में कांग्रेस सदस्यों के साथ एक रिसेप्शन में बोलते हुए ट्रंप ने कहा, “हमने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोका। हमने कांगो और रवांडा के बीच युद्ध को रोका।”

उन्होंने आगे कहा, “उन्होंने पाँच विमान गिराए और स्थिति लगातार बिगड़ रही थी। मैंने उन्हें फोन किया और कहा – ‘देखो, अब कोई व्यापार नहीं। अगर तुम ऐसा करोगे, तो तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा।’ ये दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं और हालात बेहद खतरनाक थे। लेकिन मैंने इसे रोक दिया।”

ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका ने ईरान की पूरी परमाणु क्षमता को खत्म कर दिया और कोसोवो और सर्बिया के बीच संघर्ष को भी रोका। “और भी कुछ जगहों पर हमने युद्ध को टाल दिया, जो अन्यथा भड़क सकता था। यह सब अमेरिका के प्रयासों का परिणाम है। क्या बाइडन ऐसा कर सकते हैं? मुझे नहीं लगता। क्या उन्हें इन देशों का नाम भी पता है? मुझे नहीं लगता,” ट्रंप ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा।

पिछले शुक्रवार को ट्रंप ने पहली बार कहा था कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान “पाँच लड़ाकू विमान गिराए गए थे”। उन्होंने कहा था, “भारत और पाकिस्तान की लड़ाई बढ़ती जा रही थी। विमानों को गिराया जा रहा था, पाँच विमान गिराए गए। यह और बिगड़ता जा रहा था, क्योंकि ये दो गंभीर परमाणु देश हैं और वे एक-दूसरे को निशाना बना रहे थे।”

अमेरिका का दावा – शांति समझौते में भूमिका

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में अमेरिका की कार्यवाहक प्रतिनिधि एम्बेसडर डोरोथी शिया ने मंगलवार को कहा कि “पिछले तीन महीनों में अमेरिका ने इज़राइल-ईरान, कांगो-रवांडा और भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में अहम भूमिका निभाई है।” यह बैठक पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार की अध्यक्षता में हुई।

शिया ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसे हम समर्थन और सराहना करते हैं।”

ऑपरेशन सिंदूर और भारत का जवाब

भारत के स्थायी प्रतिनिधि (यूएन) पार्वथनेनी हरीश ने सुरक्षा परिषद में पाहलगाम आतंकी हमले का मुद्दा उठाया। यह हमला पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मोर्चे ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ ने अंजाम दिया था।

हरीश ने कहा कि “भारत का जवाब सटीक, नियंत्रित और गैर-उत्तेजक (non-escalatory) था। हमने पाहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान-आकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकियों को निशाना बनाया गया।”

उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान के अनुरोध पर ही जब भारत ने अपने प्राथमिक उद्देश्य हासिल कर लिए, तब सैन्य कार्रवाई रोकी गई।”

मोदी-ट्रंप वार्ता और विवाद

ट्रंप ने दावा किया कि वॉशिंगटन की मध्यस्थता के बाद ही भारत-पाकिस्तान में “पूर्ण और तत्काल” युद्धविराम हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ने दोनों देशों को यह आश्वासन दिया कि शांति बनाए रखने पर बड़े पैमाने पर व्यापारिक सहयोग होगा।

हालांकि, भारत ने ट्रंप के मध्यस्थता के दावे को खारिज कर दिया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट रूप से ट्रंप को बताया कि भारत किसी भी मध्यस्थता को न तो मानता है और न मानेगा। युद्धविराम की चर्चा केवल भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के मौजूदा संचार चैनलों के माध्यम से हुई और यह पाकिस्तान के अनुरोध पर शुरू हुई थी।”

जी-7 शिखर सम्मेलन (कनानास्किस, कनाडा) में जून में मोदी और ट्रंप की मुलाकात प्रस्तावित थी, लेकिन ट्रंप अचानक वॉशिंगटन लौट गए। हालांकि, प्रस्थान से पहले मोदी और ट्रंप के बीच 35 मिनट की टेलीफोन वार्ता हुई।

अमेरिका की सख्ती – आतंकियों पर कार्रवाई

अमेरिका ने ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ को विदेशी आतंकी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) की सूची में डाला है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि “यह कार्रवाई पाहलगाम हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए ट्रंप प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”