आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बुधवार को व्हाइट हाउस के पास नेशनल गार्ड के दो कर्मियों पर हुआ ‘जघन्य हमला’ यह साबित करता है कि ‘‘कमजोर प्रवासन नीतियां हमारे राष्ट्र के समक्ष सबसे बड़ा राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा हैं।’’
ट्रंप ने कहा कि कोई भी देश अपनी अस्तित्व के लिए ऐसे खतरे को बर्दाश्त नहीं कर सकता।
सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में ट्रंप ने यह बात कही। ट्रंप की यह टिप्पणी इस बात को रेखांकित करती है कि वह देश की आव्रजन प्रणाली में बदलाव लाने और यहां पहले से मौजूद प्रवासियों की जांच-पड़ताल को और सख्त करने का इरादा रखते हैं।
अमेरिका में पहले ही आक्रामक निर्वासन कार्रवाइयां जारी हैं और गोलीबारी की घटना पर उनकी इस कड़ी प्रतिक्रिया से माना जा रहा है कि इस मुद्दे से उनका ध्यान नहीं हटेगा।
ट्रंप और दो कानून प्रवर्तन अधिकारियों के अनुसार गोलीबारी का संदिग्ध एक अफगान नागरिक माना जा रहा है। वह 2021 में ‘ऑपरेशन अलाइज वेलकम’ के तहत अमेरिका पहुंचा था। यह बाइडन प्रशासन का कार्यक्रम था जिसके तहत अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद वहां से निकाले गए हजारों अफगान नागरिकों को यहां बसाया गया था।
इस पहल के तहत करीब 76,000 लोग अमेरिका लाए गए, जिनमें से कई अमेरिकी सैनिकों और राजनयिकों के साथ बतौर दुभाषिया और अनुवादक काम कर चुके थे। लेकिन इनके सत्यापन की प्रक्रिया में खामियों को लेकर ट्रंप एवं उनके सहयोगियों, कांग्रेस के रिपब्लिकन सदस्यों और कुछ सरकारी निगरानी संस्थाओं ने इस नीति की कड़ी आलोचना की थी जबकि समर्थकों का कहना था कि इसने तालिबान के प्रतिशोध का जोखिम झेल रहे लोगों को जीवनदान दिया।