वॉशिंगटन
पश्चिमी अफ्रीकी देश गिनी-बिसाऊ में सेना ने सत्ता अपने हाथ में ले ली और राष्ट्रपति उमारो सिसोको एम्बालो को गिरफ्तार कर लिया। राष्ट्रपति चुनाव में दोनों प्रमुख दावेदारों – एम्बालो और फर्नांडो डायस – ने खुद को विजेता घोषित किया था, जिससे देश में तनाव चरम पर पहुँच गया था। इसी बीच सेना ने तख्तापलट करते हुए सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया।
सेना के अधिकारियों ने बुधवार (26 नवंबर) को टेलीविज़न पर जारी बयान में खुद को "उच्च सैन्य कमान" बताते हुए कहा कि वे देश में कानून-व्यवस्था बहाल करेंगे। उन्होंने “अगली सूचना तक” सभी चुनावी गतिविधियों को रद्द कर दिया और हवाई, समुद्री एवं ज़मीनी सीमाएँ बंद करने के साथ रात का कर्फ्यू लागू किया।
राष्ट्रपति भवन, गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग के मुख्यालय के पास गोलीबारी की आवाज़ों के बाद यह तख्तापलट हुआ। राष्ट्रपति उमारो ने कहा कि उन्हें पदच्युत कर दिया गया है और वे वर्तमान में सेना के जनरल स्टाफ मुख्यालय में हैं। उनके साथ मुख्य विपक्षी नेता डोमिंगोस सिमोस परेरा को भी गिरफ्तार किया गया।
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, सेना इंटरनेट कनेक्शन काटने का प्रयास कर रही है। तख्तापलट का नेतृत्व प्रेसिडेंशियल गार्ड के प्रमुख डेनिस एन’कान्हा कर रहे हैं।
गिनी-बिसाऊ ने 1974 में पुर्तगाल से स्वतंत्रता प्राप्त की थी और तब से देश कई तख्तापलट और असफल तख्तापलट के प्रयासों का सामना कर चुका है। इस विवादास्पद चुनाव में मुख्य विपक्षी दल को भी भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई।