मेक्सिको सिटी / मैथ्यू ली और मेगन जनेट्स्की
सुरक्षा, संप्रभुता, टैरिफ, व्यापार, नशीले पदार्थ और प्रवासन—ये सभी अहम मुद्दे इस हफ्ते अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के लैटिन अमेरिका दौरे में प्रमुखता से शामिल रहेंगे। यह उनके विदेश मंत्री बनने के बाद लैटिन अमेरिका का तीसरा दौरा है।
यह यात्रा उस समय हो रही है जब ट्रंप प्रशासन ने कैरेबियन में ड्रग कार्टेल्स के खिलाफ सैन्य अभियानों को तेज कर दिया है। हाल ही में एक संदिग्ध मादक पदार्थों से भरे जहाज़ को निशाना बनाकर हमला करने का दावा भी किया गया।
बुधवार और गुरुवार को मेक्सिको और इक्वाडोर में नेताओं से बातचीत के दौरान रुबियो अमेरिकी दृष्टिकोण रखेंगे कि इन मुद्दों पर गहरी और व्यापक साझेदारी स्वास्थ्य, सुरक्षा और स्थिरता के लिए बेहद अहम है।
लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कठोर नीतियों और भारी टैरिफ तथा प्रतिबंधों की धमकियों ने क्षेत्र के कई देशों को नाराज किया है।
लैटिन अमेरिका में अमेरिकी सैन्य कार्रवाई और संदेश
मेक्सिको रवाना होने से ठीक पहले ट्रंप और रुबियो ने घोषणा की कि अमेरिकी सेना ने दक्षिण कैरेबियन में वेनेजुएला से निकले एक जहाज़ पर हमला किया, जो मादक पदार्थ ले जा रहा था।
ट्रंप ने बताया कि यह जहाज़ "ट्रेन दे अरागुआ" गिरोह संचालित कर रहा था, जिसे उनकी सरकार ने विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। इस हमले में 11 लोगों की मौत हुई।
“यह चेतावनी है—जो भी अमेरिका में नशीली दवाएँ लाने की सोच रहा है, सावधान रहे!” ट्रंप ने कहा।
रुबियो ने मेक्सिको के लिए उड़ान भरने से पहले पत्रकारों से कहा कि राष्ट्रपति ड्रग कार्टेल्स के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाएंगे।
“अमेरिका की पूरी ताक़त का इस्तेमाल होगा, चाहे ये गिरोह कहीं भी हों और चाहे वे कितने ही समय से बेकाबू क्यों न हों। अब उनके दिन पूरे हो चुके हैं।”
मेक्सिको ट्रंप के निशाने पर
ट्रंप लगातार मेक्सिको से रियायतें मांगते रहे हैं और अब तक उन्हें इसमें सफलता भी मिली है। मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम ने हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा मंच की बैठक बुलाई, जिसमें सभी 32 गवर्नर, सेना-नौसेना, संघीय अभियोजन कार्यालय और सुरक्षा बल शामिल थे।
शीनबाम ने घोषणा की थी कि अमेरिका के साथ एक व्यापक सुरक्षा समझौता लगभग तैयार है, जिसमें फेंटेनिल और उसकी आपूर्ति रोकने के लिए “संयुक्त जांच दल” बनाने की योजना शामिल है।
हालाँकि, उन्होंने अपने राष्ट्र के संबोधन में यह भी स्पष्ट किया,“हम किसी भी परिस्थिति में हस्तक्षेप या ऐसा कोई कदम स्वीकार नहीं करेंगे जो देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता को नुकसान पहुँचाए।”
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने संकेत दिया है कि यह औपचारिक समझौता नहीं होगा, बल्कि एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग होगा, जिसके तहत दोनों देश अपने-अपने क्षेत्रों में मिली सूचनाएँ साझा करेंगे।
शीनबाम ने भी अपनी उम्मीदें घटा दीं और कहा कि यह सहयोग “सूचना और खुफिया आदान-प्रदान” तक सीमित रहेगा।
“तनाव भी रहेगा, सहयोग भी”
शीनबाम ने कहा, “कभी अधिक तनाव होगा, कभी कम, और कई मुद्दों पर असहमति भी रहेगी। लेकिन हमें अच्छे रिश्ते बनाने की कोशिश करनी होगी। कल रुबियो से मेरी बैठक इस बात को दिखाएगी कि यह रिश्ता सम्मान और सहयोग का है।”
ट्रंप को शांत करने के लिए शीनबाम ने अपने पूर्ववर्ती की तुलना में कार्टेल्स पर अधिक सख्ती दिखाई है। उनकी सरकार ने उत्तरी सीमा पर नेशनल गार्ड तैनात किया और 55 कार्टेल सरगनाओं को अमेरिका को सौंप दिया।
हालाँकि, इस सहयोग के बीच तनाव भी रहा। अमेरिकी ड्रग एनफोर्समेंट एजेंसी (DEA) ने मेक्सिको के साथ एक नई पहल का ऐलान किया, जिस पर शीनबाम ने नाराजगी जताई।
ट्रंप ने हाल ही में कहा था—“मेक्सिको वही करता है जो हम उसे कहते हैं।”
रुबियो का एजेंडा
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रुबियो का ध्यान अवैध प्रवासन रोकने, संगठित अपराध और कार्टेल्स से निपटने और लैटिन अमेरिका में चीन के प्रभाव को संतुलित करने पर रहेगा।“अमेरिका अपने बॉर्डर की सुरक्षा, नार्को-आतंकी खतरों का सफाया और अमेरिकी व्यापार के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है,” विदेश मंत्रालय ने कहा।