संयुक्त राष्ट्र ने कहा-खतरनाक मोड़ पर है अफगानिस्तान

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 07-08-2021
संयुक्त राष्ट्र ने कहा-खतरनाक मोड़ पर है अफगानिस्तान
संयुक्त राष्ट्र ने कहा-खतरनाक मोड़ पर है अफगानिस्तान

 

आवाज द वाॅयस काबुल

अफगानिस्तान एक खतरनाक मोड़ पर है, क्योंकि युद्ध एक नए चरण में प्रवेश कर चुका है. यह कहना है संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि डेबोरा लियोन का.डेबोरा लियोन ने कहा,‘‘अफगानिस्तान अब एक खतरनाक मोड़ पर है.

आगे या तो वास्तविक शांति वार्ता है या संकटों का दुखद रूप. उन्होंने कहा, अफगानिस्तान तेजी से क्रूर संघर्ष और मानवाधिकारों के हनन की ओर बढ़ रहा है. डेबोरा लियोन सरक्षा परिषद की ब्रीफिंग में बोल रहे थे.

उन्होंने सुरक्षा परिषद से अफगानिस्तान को एक आपदा की स्थिति में गिरने से रोकने के लिए काम करने को कहा. बोले स्थिति गंभीर है. उन्होंने  आगे कहा,‘‘और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, इस तरह की तबाही के परिणाम अफगानिस्तान की सीमाओं से बहुत दूर होंग.

मुझे विश्वास है कि सुरक्षा परिषद और व्यापक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय सबसे विकट परिस्थितियों को रोकने में मदद कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए एकता अभिनय चलाने की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि  पिछले हफ्तों में, अफगानिस्तान में युद्ध एक नए, घातक और अधिक विनाशकारी चरण में प्रवेश कर गया है.ग्रामीण इलाकों पर कब्जा करने के लिए जून और जुलाई के दौरान तालिबान को महत्वपूर्ण कामयाबी मिली. इस मजबूत स्थिति से, उन्होंने बड़े शहरों पर हमला करना शुरू कर दिया.

उनके अनुसार, कंधार, हेरात और हेलमंद की प्रांतीय राजधानियां महत्वपूर्ण दबाव में आ गई हैं. तालिबान द्वारा शहरी केंद्रों को हथियारों के बल पर कब्जा करने का एक स्पष्ट प्रयास. उन्होंने कहा कि इस रणनीति से लोगों की स्थिति परेशान करने वाली है. राजनीतिक संदेश और भी ज्यादा खतरनाक हैं.

उनकी यह टिप्पणी तब आई है, जब तालिबान ने शुक्रवार को ईरान की सीमा पर स्थित निमरोज प्रांत की राजधानी जरांज शहर पर कब्जा कर लिया.अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा देश से अमेरिकी सैनिकों की पूर्ण वापसी की घोषणा के बाद से समूह द्वारा प्रांतीय राजधानी पर यह पहला कब्जा है.

तालिबान ने गुरुवार रात प्रांतीय राजधानी पर हमला किया. हमले के बाद, शहर के सैकड़ों निवासी सुरक्षा की तलाश में ईरान के साथ सीमा की ओर भाग गए. निमरोज में पांच जिले हैं, जिनमें से तीन अब पूरी तरह तालिबान के नियंत्रण में हैं.

तालिबान अब तक 200 से अधिक जिलों पर काबिज हो चुके हैं.