जिनेवा
यूक्रेन के शीर्ष राजनयिकों ने रविवार को जिनेवा में अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की। इस बैठक में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पेश की गई उस शांति योजना पर चर्चा की, जिसका उद्देश्य यूक्रेन पर रूस के युद्ध को समाप्त करना है।
रुबियो ने बातचीत के बाद कहा कि यह ट्रंप प्रशासन के कार्यभार संभालने के बाद से ‘‘सबसे फलदायक और अर्थपूर्ण’’ बैठक रही है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल रविवार रात को एक और बैठक करेंगे।
रुबियो के अनुसार, आख़िरी शांति समझौते पर दोनों देशों के राष्ट्रपति को हस्ताक्षर करने होंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब तक हुई प्रगति को देखते हुए यह संभव है। इस बैठक में उनके साथ सेना सचिव डैन ड्रिस्कॉल और राष्ट्रपति ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ भी मौजूद थे।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी अंतिम शांति योजना को रूस की मंजूरी भी ज़रूरी होगी।
यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ आंद्रेई यरमक ने बताया कि प्रारंभिक बैठक सफल रही और जल्द ही दूसरी बैठक होगी।
यरमक ने कहा, ‘‘पहली बैठक बहुत सार्थक रही। हमने अच्छी प्रगति की है और न्यायपूर्ण व स्थायी शांति की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। दूसरी बैठक में हम यूरोपीय सहयोगियों के साथ संयुक्त प्रस्तावों पर काम जारी रखेंगे। अंतिम निर्णय हमारे राष्ट्राध्यक्ष ही लेंगे।’’
बैठक से पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने एक लंबी ऑनलाइन पोस्ट में यूक्रेन की आलोचना की थी कि उसने अमेरिकी सैन्य सहायता के लिए आभार व्यक्त नहीं किया है, जबकि उन्होंने रूस पर सीधी टिप्पणी से बचा। ट्रंप ने लिखा कि अगर अमेरिका और यूक्रेन दोनों का नेतृत्व मजबूत होता, तो ‘‘रूस का आक्रमण कभी नहीं होता।’’
जेलेंस्की ने जवाब में कहा कि वह अमेरिकी सुरक्षा समर्थन के लिए आभारी हैं, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि ‘‘यह युद्ध रूस ने शुरू किया था, सिर्फ रूस ने।’’
अमेरिका द्वारा तैयार की गई 28-सूत्री शांति योजना ने यूक्रेन और कई अन्य देशों में चिंताएँ पैदा की हैं। जेलेंस्की ने कहा कि उनके देश को अपने संप्रभु अधिकारों की रक्षा करने और ज़रूरी अमेरिकी समर्थन बनाए रखने के बीच कठिन निर्णय लेना पड़ सकता है।