आवाज द वाॅयस /पुणे
दिल्ली में हुए हालिया बम धमाकों ने जहाँ पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है, वहीं प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान मुफ़्ती सलमान अज़हरी ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। मुंबई की एक मस्जिद में पारंपरिक खुतबा देते हुए उन्होंने कई अहम मुद्दों पर टिप्पणी की। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस्लाम में हिंसा और आतंकवाद का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कुरान की उस आयत का ज़िक्र करते हुए, जिसमें कहा गया है, "ज़मीन पर भ्रष्टाचार (अराजकता/हिंसा) मत फैलाओ," शांति के महत्व पर ज़ोर दिया।
इस्लाम और व्यक्तिवाद के बीच अंतर
मुफ़्ती अज़हरी ने स्पष्ट किया कि किसी व्यक्ति के कार्यों को धर्म की शिक्षाओं से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "अगर कोई मुसलमान शराब पीता है या जुआ खेलता है, तो यह उसकी व्यक्तिगत गलती है, इस्लाम की नहीं। इसी तरह, अगर कोई आतंक फैलाता है, तो वह इस्लाम का ठेकेदार नहीं हो सकता।" उन्होंने दृढ़ता से कहा कि आज दुनिया भर में इस्लाम की जो छवि बन रही है, वह धर्म की शिक्षाओं के कारण नहीं, बल्कि कुछ लोगों के गलत कार्यों के कारण है।
दिल्ली विस्फोटों और उसके सामाजिक प्रभाव पर चिंता व्यक्त की गई
दिल्ली धमाकों का ज़िक्र करते हुए मुफ़्ती ने कहा कि शुरुआती जाँच में जो नाम सामने आ रहे हैं, उन्हें देखकर हैरानी होती है। उन्होंने दुख जताते हुए कहा, "ये लोग डॉक्टरी जैसे पवित्र पेशे से जुड़े बताए जा रहे हैं। इतने पढ़े-लिखे नौजवानों ने हिंसा का रास्ता क्यों चुना? इससे किसका भला हुआ? उल्टा, इससे पूरा मुस्लिम समुदाय ही शक के घेरे में आ जाएगा।" उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के कारण कई निर्दोष छात्रों और युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ गया है।
किसी निर्दोष व्यक्ति की जान लेना मानवता की हत्या है।
कुरान का हवाला देते हुए मुफ्ती ने कहा, "जो कोई किसी निर्दोष व्यक्ति की जान लेता है, मानो उसने पूरी इंसानियत का कत्ल कर दिया हो।" किसी भी राहगीर, पर्यटक या आम आदमी की हत्या को जिहाद नहीं कहा जा सकता। कश्मीर की घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने पूछा, "वहाँ पर्यटन के लिए आए निर्दोष लोगों का क्या कसूर था?" इस तरह की हरकतें सिर्फ नफरत फैलाती हैं और समाज को नुकसान पहुँचाती हैं।

युवाओं को सोशल मीडिया के बारे में चेतावनी दी गई
मुफ़्ती ने चेतावनी दी कि आजकल युवा सोशल मीडिया पर आक्रामक स्टेटस या डरावनी पोस्ट शेयर करके खुद को बहादुर समझते हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की, "लोगों के मन में डर पैदा करना या आतंक फैलाना इस्लाम में हराम है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल ज़िम्मेदारी से करें। आपका व्यवहार ऐसा होना चाहिए कि लोग आपका स्वागत करें, न कि आपसे डरें।"
भविष्य के खतरों के बारे में चेतावनी दी गई
मुफ़्ती ने चेतावनी दी कि कुछ संगठन या समूह युवाओं को भड़काने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "किसी भी आतंकवादी संगठन या हिंसक विचारधारा से न जुड़ें। अपनी अंतरात्मा को जागृत रखें। इस्लाम एक ऐसा धर्म है जो शांति और प्रेम का संदेश देता है, यह नफरत नहीं सिखाता।" और अंत में अल्लाह से देश में अमन और सद्भाव की दुआ की।
मुफ़्ती सलमान अज़हरी कौन हैं?
मुफ़्ती सलमान अज़हरी भारत में एक बेहद लोकप्रिय सुन्नी इस्लामी विद्वान, प्रभावशाली वक्ता और धार्मिक नेता हैं। उन्होंने मिस्र के काहिरा स्थित विश्व प्रसिद्ध अल-अज़हर विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की है और उनके नाम के साथ जुड़ी उपाधि 'अज़हरी' उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि को दर्शाती है।
अपनी ओजस्वी भाषण शैली, बेबाक वक्तृत्व कला और शेरो-शायरी के माध्यम से संवाद करने के तरीके के कारण मुस्लिम युवाओं में उनका जबरदस्त क्रेज है। सोशल मीडिया पर उनके लाखों फॉलोअर्स हैं और अपने भाषणों के माध्यम से वे न केवल धार्मिक शिक्षा देते हैं, बल्कि युवाओं से नशा छोड़ने, शिक्षा प्राप्त करने और अपराध से दूर रहने की अपील भी करते हैं। वे अक्सर अपने तीखे बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं, लेकिन उन्हें एक आधुनिक सोच वाले धार्मिक नेता के रूप में जाना जाता है जो समाज में अवांछनीय प्रथाओं के खिलाफ आवाज उठाते हैं और धार्मिक सद्भाव बनाए रखने की सलाह देते हैं।