वॉशिंगटन
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बृहस्पतिवार देर शाम एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत अमेरिका के कई प्रमुख व्यापारिक साझेदारों पर नए टैरिफ लगाए जाएंगे। ये टैरिफ 7 अगस्त से प्रभावी होंगे और ट्रम्प की आक्रामक व्यापार नीति का नया चरण साबित होंगे, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था और दशकों पुराने अमेरिकी सहयोगों की मजबूती की परीक्षा लेंगे।
यह आदेश शाम 7 बजे के बाद जारी किया गया। पिछले कुछ दिनों से टैरिफ को लेकर व्हाइट हाउस में हलचल तेज थी। राष्ट्रपति द्वारा तय की गई डेडलाइन से पहले कई देशों और व्यापारिक ब्लॉकों से समझौते की कोशिशें की गईं। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के अनुसार, इन टैरिफ को कुछ देरी से लागू करने का उद्देश्य विभिन्न देशों के लिए टैरिफ शेड्यूल को एकरूप बनाना है।
पहले लेसोथो पर 50% टैरिफ लगाने की घोषणा की गई थी, लेकिन अब इस पर 15% शुल्क लगेगा। ताइवान पर 20%, पाकिस्तान पर 19%, जबकि इज़राइल, आइसलैंड, नॉर्वे, फिजी, घाना, गुयाना और इक्वाडोर जैसे देशों पर 15% टैरिफ लगाया गया है। स्विट्ज़रलैंड पर 39% का भारी टैरिफ लगाया जाएगा।
ब्राज़ील के लिए पहले 50% टैरिफ की घोषणा हुई थी, लेकिन आदेश में इसे घटाकर 10% कर दिया गया है, क्योंकि शेष 40% शुल्क एक अलग आदेश के तहत बुधवार को ही पारित हो चुका था।
यह आदेश कुल 68 देशों और 27 सदस्यीय यूरोपीय संघ (EU) के लिए टैरिफ दरें तय करता है। जो देश सूची में शामिल नहीं हैं, उन पर 10% का मानक टैरिफ लागू होगा। प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन दरों का निर्धारण अमेरिका के साथ व्यापार असंतुलन और संबंधित क्षेत्र की आर्थिक स्थिति के आधार पर किया गया है।
बृहस्पतिवार सुबह ट्रम्प ने मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाउम से फोन पर व्यापार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। इस बातचीत के बाद ट्रम्प ने मेक्सिको के साथ 90 दिनों की बातचीत की अवधि घोषित की। फिलहाल 25% टैरिफ लागू रहेगा, जबकि पहले उन्होंने 30% तक का टैरिफ लगाने की धमकी दी थी।
शिनबाउम ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “हमने कल लागू होने वाली टैरिफ वृद्धि टाल दी है और हमें संवाद के ज़रिए दीर्घकालिक समझौते के लिए 90 दिन का समय मिल गया है।” ट्रम्प ने इस बातचीत को “बहुत सफल” बताया और कहा कि दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को बेहतर तरीके से समझा।
हालांकि ट्रम्प की टैरिफ नीति से हमेशा अनिश्चितता बनी रही है, लेकिन एक बात स्पष्ट रही है — वे आयातित वस्तुओं पर शुल्क लगाने को लेकर अडिग हैं, भले ही अर्थशास्त्री इसे अमेरिकी उपभोक्ताओं और कारोबारों पर बोझ मानते हों।
ट्रम्प ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा, “आज हमने कुछ बेहतरीन सौदे किए हैं, जो देश के लिए फायदेमंद होंगे।” हालांकि उन्होंने इन सौदों की शर्तों या देशों के नाम नहीं बताए। प्रशासनिक अधिकारी ने भी मीडिया कॉल के दौरान इस संबंध में जानकारी देने से इनकार कर दिया।
कनाडा पर 35% टैरिफ लगाए गए हैं, हालांकि प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने ट्रम्प से बात करने की कोशिश की थी, लेकिन ट्रम्प ने कहा, “आज कनाडा से हमारी बात नहीं हुई।” ट्रम्प ने बृहस्पतिवार को कनाडा पर फेंटानिल से जुड़ी वस्तुओं पर टैरिफ 25% से बढ़ाकर 35% कर दिया।
बृहस्पतिवार को ट्रम्प ने कोरिया, जापान, इंडोनेशिया और फिलीपींस के साथ समझौते किए। उनके वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लटकनिक ने बताया कि कंबोडिया और थाईलैंड के साथ भी समझौता हुआ है, जिन्होंने आपसी सीमा विवाद पर ‘सीज़फायर’ स्वीकार किया।
स्विट्ज़रलैंड और नॉर्वे जैसे समृद्ध देशों की टैरिफ दरें भी अंतिम समय तक अनिश्चित बनी रहीं। यूरोपीय संघ अभी भी वाहनों और अन्य वस्तुओं पर टैरिफ के ढांचे को अंतिम रूप दे रहा है। ट्रम्प ने रविवार को स्कॉटलैंड में EU के साथ समझौते की घोषणा की थी।
मेक्सिको के साथ हुए समझौते के अनुसार, वहां से आने वाले माल पर 25% टैरिफ बना रहेगा, जिसे ट्रम्प ने फेंटानिल तस्करी से जोड़ा है। ऑटोमोबाइल्स पर 25%, और तांबा, एल्यूमिनियम व स्टील पर 50% टैरिफ लागू रहेगा।
ट्रम्प ने दावा किया कि मेक्सिको अब “गैर-शुल्क व्यापार अवरोध” खत्म करेगा, हालांकि उन्होंने इसका विवरण नहीं दिया।
2020 में हुए अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा समझौते (USMCA) के तहत कुछ वस्तुएं अभी भी टैरिफ से मुक्त हैं। लेकिन ट्रम्प अब उस समझौते से नाखुश नजर आ रहे हैं, जिसे अगले साल पुनः वार्ता के लिए खोला जाएगा। ट्रम्प ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही मैक्सिको और कनाडा से आयात पर टैरिफ लगाए थे।