ट्रंप के ‘टैरिफ वार’ ने वर्षों की अमेरिका-भारत साझेदारी को जोखिम में डाल दिया: अमेरिकी सांसद

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 08-08-2025
Trump's 'tariff war' puts years of US-India partnership at risk: US lawmaker
Trump's 'tariff war' puts years of US-India partnership at risk: US lawmaker

 

न्यूयॉर्क
 
अमेरिकी संसद के एक सदस्य ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘टैरिफ वार’ ने अमेरिका-भारत साझेदारी को मजबूत बनाने के लिए वर्षों से सावधानीपूर्वक किए गए काम को जोखिम में डाल दिया है।
 
प्रतिनिधि सभा के सदस्य ग्रेगरी मीक्स ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिका के भारत के साथ ‘‘गहरे रणनीतिक और आर्थिक’’ तथा दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध हैं।
 
मीक्स डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद हैं और वह ‘हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी डेम्स’ के रैंकिंग सदस्य भी हैं।
 
मीक्स ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि ट्रंप के ‘टैरिफ वार’ ने अमेरिका-भारत साझेदारी को प्रगाढ़ करने के लिए वर्षों से सावधानीपूर्वक किए गए काम को जोखिम में डाल दिया है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘चिंताओं का समाधान हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप परस्पर सम्मान के साथ किया जाना चाहिए।’’
 
पिछले सप्ताह घोषित 25 प्रतिशत शुल्क के अतिरिक्त राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल की खरीद को लेकर बुधवार को 25 प्रतिशत शुल्क और लगा दिया, जिससे भारत पर कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया है। यह अमेरिका द्वारा किसी भी देश पर लगाए गए सबसे अधिक शुल्कों में से एक है।
 
यह अतिरिक्त शुल्क 21 दिन बाद यानी 27 अगस्त से प्रभावी होगा।
 
इस बीच, न्यूयॉर्क स्थित भारतीय-अमेरिकी उद्यमी और भू-राजनीतिक विशेषज्ञ अल मेसन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अनुभवी राजनेता एवं कुशल रणनीतिकार हैं तथा उन्होंने ऐसी मित्रता विकसित की है जो औपचारिक कूटनीति से कहीं आगे जाती है।
 
मेसन ने कहा, ‘‘यह केवल हाथ मिलाना और तस्वीरें खिंचवाना नहीं है - यह सोच का संगम है। दोनों समझते हैं कि नेतृत्व का मतलब टकराव से बचना नहीं, बल्कि स्पष्टता और उद्देश्य के साथ उसका सामना करना है।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक राजनीति के मंच पर, विश्व के नेताओं के बीच सच्चे रिश्ते अकसर ऐतिहासिक फैसलों के पीछे की शांत शक्ति होती है।’’
 
मेसन ने कहा, ‘‘समय के साथ बने ये रिश्ते टकराव से अछूते नहीं रहते, लेकिन ये इसलिए कायम रहते हैं कि ये परस्पर सम्मान और अपने राष्ट्रों की सेवा करने की साझा इच्छा पर आधारित होते हैं।’’ उन्होंने कहा कि ट्रंप और मोदी ‘‘ऐसे ही दो नेता हैं।’’
 
मेसन ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका और भारत एक-दूसरे के राजनीतिक दृष्टिकोण को दरकिनार नहीं कर सकते।
 
उन्होंने कहा, ‘‘उनके (दोनों देशों) रणनीतिक हित आपस में गहराई से जुड़े हुए हैं और उनकी साझेदारी केवल सुविधा की बात नहीं है, बल्कि यह एक भू-राजनीतिक जरूरत है। तेजी से ध्रुवीकृत होती दुनिया में, उनके गठजोड़ की मजबूती न केवल द्विपक्षीय परिणामों को, बल्कि वैश्विक लोकतांत्रिक विमर्श को भी आकार देगी।’’