वाशिंगटन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने ईरान पर हमला इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मिलकर एक टीम के रूप में अंजाम दिया। उन्होंने इसे "शायद ऐसा सहयोग जैसा पहले कभी नहीं हुआ" करार दिया।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों की घोषणा के बाद कहा, “दुनिया की कोई भी सेना अमेरिका के अलावा यह काम नहीं कर सकती थी।”
ट्रंप ने ईरान को "मध्य पूर्व का गुंडा" बताया और चेतावनी दी कि अगर ईरान ने शांति की राह नहीं अपनाई, तो "भविष्य के हमले इससे कहीं बड़े और बहुत आसान होंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह हमला ईरान की परमाणु हथियार विकसित करने की मंशा को रोकने की दिशा में किया गया कदम था। ट्रंप ने कहा, “ईरान पिछले 40 वर्षों से अमेरिका और इजराइल के लिए 'मौत के नारे' लगाता रहा है। उन्होंने हमारे सैनिकों को मारा है, उनके हाथ-पैर उड़ाए हैं, सड़क किनारे बमों से हमला किया है।”
ट्रंप के इस बयान से यह स्पष्ट है कि अमेरिका और इजराइल की साझा रणनीति अब सीधे सैन्य मोर्चे पर सक्रिय हो चुकी है।