बांग्लादेश: शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रदर्शन पर पुलिस की कार्रवाई, पानी की बौछारें और ध्वनि ग्रेनेड दागे

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 22-06-2025
Bangladesh: Police crackdown on teacher candidates' protest, use water cannon and fire sound grenades
Bangladesh: Police crackdown on teacher candidates' protest, use water cannon and fire sound grenades

 

ढाका

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में नेशनल प्रेस क्लब के सामने प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों पर रविवार सुबह पुलिस ने पानी की बौछारें और ध्वनि ग्रेनेड का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारी 18वीं शिक्षक पंजीकरण परीक्षा (NTRCA) के वाइवा में सम्मिलित हुए सभी अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र जारी करने की मांग कर रहे थे

प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप है कि 20,688 अभ्यर्थियों को जानबूझकर वाइवा में फेल कर दिया गया, जबकि वे पहले ही प्रारंभिक और लिखित परीक्षाएं पास कर चुके थे। इस मुद्दे को लेकर 15 जून को भी अभ्यर्थियों ने एनटीआरसी (NTRCA) कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था।

रविवार सुबह 11 बजे के करीब जब प्रदर्शनकारी मार्च करते हुए प्रेस क्लब पहुंचे, तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की और बार-बार पीछे हटने के लिए कहा, लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते रहे

इसके बाद सुबह 11:23 बजे पुलिस ने उन पर वाटर कैनन से पानी की बौछारें छोड़ीं और ध्वनि ग्रेनेड (साउंड ग्रेनेड) का इस्तेमाल कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया

प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग है कि मौखिक परीक्षा के नतीजों का पुनर्मूल्यांकन किया जाए और वाइवा में शामिल सभी योग्य अभ्यर्थियों को शिक्षक पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रदान किया जाए, ताकि वे नौकरी के लिए पात्र बन सकें।

पृष्ठभूमि:

एनटीआरसी द्वारा आयोजित शिक्षक पंजीकरण परीक्षा बांग्लादेश में निजी विद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवश्यक प्रक्रिया है। इस परीक्षा के तीन चरण — प्रारंभिक, लिखित और मौखिक — होते हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि इस बार मौखिक परीक्षा में गैर-पारदर्शी और पक्षपातपूर्ण मूल्यांकन हुआ है, जिससे बड़ी संख्या में योग्य छात्र वंचित रह गए हैं।

सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया:

इस घटना ने शैक्षणिक समुदाय और मानवाधिकार संगठनों में भी चिंता पैदा की है। प्रदर्शनकारी लगातार शांतिपूर्ण विरोध की बात कर रहे हैं, जबकि प्रशासनिक रवैया दमनकारी बताया जा रहा है।

सरकार की ओर से अब तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।यदि आप चाहें तो मैं इस पर आधारित विस्तृत फीचर स्टोरी या विश्लेषणात्मक लेख भी तैयार कर सकता हूँ।