वॉशिंगटन
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आगामी सुप्रीम कोर्ट में टैरिफ (आयात शुल्क) पर होने वाले मामले को अमेरिकी इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण मामलों में से एक करार दिया। उन्होंने कहा कि इस फैसले से देश की आर्थिक शक्ति और सुरक्षा तय होगी। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश इस मामले की सुनवाई 5 नवंबर को करेंगे।
ट्रंप ने Truth Social पर लिखा, "अगले सप्ताह का टैरिफ केस देश के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण मामलों में से एक है। अगर राष्ट्रपति को टैरिफ लगाने की अनुमति नहीं दी गई, तो हम दुनिया के अन्य सभी देशों, खासकर बड़े देशों के मुकाबले में बहुत पीछे रह जाएंगे। असल में हम निहत्थे होंगे!"
उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान टैरिफ ने "महान संपत्ति और राष्ट्रीय सुरक्षा" में योगदान दिया। ट्रंप ने लिखा, "स्टॉक मार्केट ने मेरे कार्यकाल में कई बार उच्चतम स्तर को छूआ, महंगाई लगभग शून्य रही, और राष्ट्रीय सुरक्षा बेहतरीन थी।"
उन्होंने अमेरिका के हालिया व्यापारिक सौदों का उदाहरण देते हुए कहा कि टैरिफ के जरिए "न्यायपूर्ण और स्थायी सौदे" हासिल किए गए। ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर राष्ट्रपति टैरिफ का जल्दी और प्रभावी उपयोग नहीं कर सके, तो देश निहत्था हो जाएगा और राष्ट्र के विनाश का खतरा बन सकता है।
ट्रंप ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं होंगे, ताकि फैसले की गंभीरता पर ध्यान न भटकें। उन्होंने लिखा, "मेरी राय में यह फैसला अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का अब तक का सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली निर्णय होगा। अगर हम जीतते हैं, तो हमारा देश दुनिया का सबसे अमीर और सुरक्षित देश बनेगा। अगर हार गए, तो हमारा देश लगभग तीसरी दुनिया के स्तर पर गिर सकता है—ईश्वर से प्रार्थना है कि ऐसा न हो!"
CNN की रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला यह तय करेगा कि क्या ट्रंप के पास इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट (IEEPA) के तहत टैरिफ लगाने का कानूनी अधिकार था। ट्रंप ने इस साल प्रमुख व्यापारिक साझेदारों जैसे भारत और ब्राज़ील पर टैरिफ 50% तक, और चीन पर 145% तक बढ़ाए थे।
CNN के अनुसार, यदि कोर्ट ट्रंप के खिलाफ फैसला देता है, तो इसका अर्थ यह नहीं कि सभी टैरिफ तुरंत रद्द हो जाएंगे, लेकिन इसका असर ट्रंप की आर्थिक रणनीति पर गहरा होगा। अमेरिकी कस्टम्स और बॉर्डर प्रोटेक्शन के आंकड़ों के अनुसार, 23 सितंबर तक अमेरिकी कंपनियों ने विवादित IEEPA टैरिफ के रूप में लगभग 90 अरब डॉलर का भुगतान किया था, जो वित्तीय वर्ष 2025 में संग्रहित कुल टैरिफ राजस्व का आधा से अधिक है।






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